Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 118
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुयक्ांघो १, अज्झणं - १४ १०९ दार गेव्हइ उत्तरिजण पिहेइ अंतउरस्स रहस्सिययं अवदारणं निगच्छइ निग्गच्छित्ता जेणेव सए गिहे जेजेव पोट्टिला भारिया तेणेव उवागच्छइ उदागच्छित्ता पोट्टिलं एवं व्यासी एवं खलुं देवाप्पिया कणगरहे राया जाव पुत्ते वियंगेइ अयं च गं दारए कणगरहस्स पुत्ते पउमावईए अत्तए तनं तुमं देवाणुप्पिए इमं दारगं कणगरहस्स रहस्तिययं चेव अनुपुवेणं सारखाहि य संगोवेहि य संवड्ढेहि य तए णं एस दारए उम्मुक्कबालभावे तव य मम य पउमावईए य आहारे भविस्सइ त्ति कट्टु पोडिलाए पासे निक्खियइ निक्खिवित्ता पोट्टिलाए पासाओ तं विणिहायमावण्णियं दारियं गेण्हइ गेण्हिता उत्तरिज्जेणं पिहेइ पिता अंतेउरस्स अवदारेणं अनुपसिइ अनुष्पविसित्ता जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पउमावईए देवीए पासे ठाई जाय पडिनिग्गए तए णं तीसे पउपावईए देवीए अंगपडियारियाओ पउपाव देवि विणिहायमावणियं च दारियं पयायं पासंति पासित्ता जेणेव कणगरहे राया तेणेव उवागच्छति उवागच्छिता करवल [परिग्गाहियं सिरसावत्तं मत्यए अंजलि कट्टु एवं बयासी एवं खलु सामी पपावई देवी मएल्लियं दारियं पयाया तए णं कणगरहे राया तीसे मएल्लियाए दारियाए नोहरणं करेइ बहूई लोगिवाई मयकिचाई करेइ करेशा कालेणं विगसोए जाए तए णं से तेयलिपुत्ते कलं कोडुंबियपुरिसे सहाने सदावेत्ता एवं वासी खिप्पामेव भी देवाणुप्पिया चारग सोहणं | करेह जाव लिइपडियं दसदेवासेयं करेह कारवेह व एदमागत्तिय पद्यष्पिणह तेवि तहेव करेति तहेब पत्रपति| जम्हा गं अम्हं एस दाए कणगरस्य रज्जे जाए तं होउ णं दारए नामेणं कणगज्झए जाव अल मोगसमये जाए ।१०३1-97 (१५८) एसा पोटिला उष्णया कयाइ तेय लिपुत्तस्स अणिता अनंता अथिया अमगुणा अमणामा जाया यदि होथा- नेच्छइ णं तेयलिपुते पोट्टिलाए नागगोयम विसवण्याए किं पुण दंसणां या परिभोगं वार्तीसे पोहिलाए अष्णवा कयाइ पुरता वरत्तकालसमयंसि इमेवारूये अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मगागए संकष्पे समुपचित्या एवं खलु अहं तेयलिस पुचि इड्डा कंता पिया मण्णा मणामा आसि इयाणि अणड्डा अकंता अपिया मण्णा अमणामा जाया नेच्छ्रणं तेयलिपुत्ते मम नाम [ गोयमवि सवणया किं पुण् दंसणं वा ] परिभोगं वा ति कट्टु ओह्मण संकपा [करतलपलहत्थमुही अट्टज्झाणोवगया] शिवाय तए णं तेयलिपुत्ते पोट्टिलं ओ- हय मण संकष्पं जाव झियायमाणि पास पासिता एवं बयासी मा णं तुमं देवाणुप्पिए ओहयमण- संकप्पा जाव झियाहि तुमंणं मम महासंसि विपुलं असण- पाण- खाइम - साइमं वक्खडादेहि उवक्खडावेत्ता बहूणंसमण - माहण- अतिहि किवण-वणीमगाणं देवमाणी य दवावेमाणी य बिह- राहि तए णं सा पोट्टिला तेयलिपुत्तेणं अगघेणं एवं वृत्ता समाणी हष्ठा तेयलिपुत्तस्स एवमहं पडि-सुणेइ पडिसुणेता कल्ला कल्लिं महाणसंसि विपुलं असण! पाण- खाइप- साइमं उवक्खडावेइ उवक्ख- डावेत्ता बहूणं समण- माहणअतिहि किवणं-वणीमगाणं देयमाणी य] दवावेमाणीय विहरइ । १०४1-98 (१५१) तेणं कालेणं तेणं समएणं सुव्वयाओ नामं अज्जाओ इरियासमियाओ [भाससमियाओ एसणासमियाओ आयाण- भंड-मत्त-निक्खेवणासमियाओ उच्चारपासवणखेल सिंघाण जल्लपारिहाणियासमियाओ मणसमियाओ वइसमियाओं कायसमियाओ मणगुत्ताओ वइगुत्ताओ कायगुत्ताओ गुत्ताओ गुत्तिंदियाओ] गुत्तवंभचारिणीओ बहुस्सुयाओ बहुपरिवाराओ पुव्वाणुपुव्वि चरमाणीओ जेणामेव तेयलिपुरे नयरे तेणेय उवागच्छंति उदागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं For Private And Personal Use Only

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