Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३०
नापाषम्मकहाओ - 1/19/३९ नमंसित्ता एवं ययासी इच्छामि गं मंते तुठभेहिं अभणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपउिमं उवसंपञ्जिता णं विहरित्तए अहासुहं देवाणुप्पिया मा पडिबंधं करेहि तए पं से मेहे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपञ्जित्ताणं विहाइ मासिय मिखुपडिम अहासुतं अहाकपं अहामागं सम्मं काएणं फासेइ पालेइ सोभेइ तीरेइ किट्टेइ सम्यं काएणं फासेत्ता पालेता सोभेत्ता तीरेता किट्टेता पुणरवि समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं भंते तुटभेहिं अव्मणुण्णाए समाणे दोमासियं भिक्खुपडिमं उपसंपञ्जित्ता णं विहरित्तए अहासुहं देवाणुप्पिया मा पडिबंधं करेहि जहा पढमाए
अभिलावो तहा दोच्चाए तचाए चउत्थाए पंचमाए छम्मासियाए सत्तमासियाए पढमसत्तराइंदियाए दोच्चसत्तराइंदियाए तच्च सत्तराईदिवाए अहोराइयाए एगराइयाए वितए णं से मेहे अणगारे बारस भिक्खुपडिमाओ सम्म काएणं फासेत्ता पालेत्ता सोभेत्ता तीरेत्ता किट्टेता पुणरवि वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं मंते तुमहिं अपणुण्णाए समाणे गुणरयणसंवच्छर तबोकम्मं उवसंपनित्ताणं विहरित्तए अहासुहं देवाणुप्पिया मा पडिबंध करेहि
तए णं से मेहे अणगारे पढम मासं चउत्थं-चउत्थेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूपीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडएणं दोचं मासं छटुं-एटेणं अणिरिखत्तेणं तबोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आघावणभूमीए आवावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाडएणं तचं मासं अट्ठम-अट्टमेणं अणिखित्तेणं तवोकम्मेणं दिया टाणुक्कुइए सुराभिमुहे आयावणभूमीए आयायेमाणे रतिं वीरासणेणं अवाउडएणं चउत्थ मासं दसमदसमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुड्डुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडएणं पंचमं मासं दुवालसमं-दुबालसमेणं आणिक्खित्तेणं तवोकप्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाडउएणं एवं एएणं अभिलावेणं छठे चोद्दसमं-चोद्दसमेणं सत्तमे सोलसमं-सोलसमेणं अट्ठमे अट्ठारसमं अट्ठारसमेणं नवमे वीसइप-वीसइमेणं दसमे बावीसइमं-बावीसइसेणं एक्कारसमे चउव्यीसइमं-चउव्धीसइमेणं वारसमे छब्बीसइम-छब्बीसइमेणं तेरसमे अट्टावीसइम-अट्ठावीसइपेणं चोद्दसमे तीसइमतीसइमेणं पंचदसमे वत्तीसइम-बत्तीसइमेणं सोलमे चउत्तीसइम-चउत्तीसइमेणं-अणिखित्तेणं तवोकम्ममं दिया ठाणुककुडुए सुराभिमुहे आयावणभूपीए आयावेमाणे वीरासणेणं अवाउडएणं य तए णं से पेहे अणगारे गुणरयणसंबच्छरं तचोकम्मं अहासुतं [अहाकप्पं अहामग्गं] समं कारण फासेइ पालेइ सोभेइ तीरेइ किट्टेइ अहासुतं अहाकप्पं जाव किट्टेत्ता सपणं भगवं महावीरं बंदइ नमंसइ वंदित्ता नमंसित्ता बहूहिं छट्टमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तदोकम्पेहि अप्पाणं मावेमाणे विहरइ ।३४1-29
(४०) तए णं से मेहे अणगारे तेणं ओरालेणं विपुलेणं सस्सिरीएणं पयत्तें पागहिएणं कल्लाणेणं सिवेणं धन्नेणं मंगल्लेणं उदग्गेणं उदारेणं उत्तमेणं महाणुभावेणं तयोकम्मेणं सुक्के लुस्खे निम्मंसे किडिकिडियाभूए अडिचम्मावणद्धे किसे धमणिसंतए जाए यावि होत्या जीयंजीवेणं गच्छइ जीवंजीरेणं चिट्ठइ भासं मासित्ता गिलाइ भासं भासमाणे गिलाइ भासं भासिम्सामि ति गिलाइ से जहानामए इंगालसगडिया इ वा कट्ठसाडिया इ वा पत्तसगडिया इ वा तिलंडासगडिया इ वा एंडसगडिया इ वा उण्हे दित्रा सुक्का समाणी ससदं गच्छइ ससदं चिदुइ एवामेव मेहे
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182