Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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नापापम्पकहाओ - 91-1३/५५ मयूरी-अंडए पसवइ पसवित्ता सएणं पक्खवाएणं सारखएमाणी संगोवेमाणी संविद्वेमाणी विहरह तत्य णं चंपाए नयरीए दुवे सत्यवाहदारगा परिवसंति तं जहा-जिणदत्तपुत्ते य सागरदत्तपुते य -सहजायया सहवढियया सहपंसुकीलियया सहदारदरिसी अण्णमण्णमणुरत्तया अण्णपण्णमणुव्वयया अण्णमण्णच्छंदाणुवत्तया अण्णमण्णहिय इच्छियकारया अण्णमण्णेसु गिहेसु किच्चाई करणिज्जाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति ।५०।-44
(५६) तए णं तेसिं सत्यवाहदारगाणं अण्णया कयाइं एगयओ सहियाणं सपुवागयाणं सण्णिसण्णाणं सण्णिविट्ठाणं इमेयास्त्वे मिहोकहासमुल्लाचे समुप्पज्जित्था-जण्णं देवाणुप्पिया अम्हं सुहं वा दुक्खं वा पव्वजा वा विदेसगमणं वा समुप्पञ्जइ तण्णं अम्हेहिं एगयओ सपेचा नित्थरिय ति कट्टअण्णमपणमेचारूवंसंगारंपडिसुणेतिपडिसुणेत्तासकम्मसंपउत्ताजायायाविहोत्था।५१।-45
(५७) तत्य णं चंपाए नयरीए देवदत्ता नामं गणिया परिवसइ-अड्ढा [दित्ता वित्ता वित्यिण्णविउल-भवण-सयणासण-जाण-वाहणाबहुंधण-जायरूव-रययाआओग-पओगह-संपउत्ता विच्छड्डिय-पउर]-पत्तपाणा चउसट्ठिकलापंडिया चउसट्ठि-गणियागुणोबवेया अउणतीसं विसेसे रममाणी एक्कवीस-रइगुणप्पहाण यत्तीस-पुरिसोवयारकुसला नवंगसुत्तपडिबोहिया अट्ठरसदेसीभासादिसारया सिंगारा-गारचारुवेसा संगव-गय-हसिय-[मणिव-चेट्ठय-विलाससंलावुल्लाव-निउण- जुत्तोववारकुसला ऊसियज्झया सहस्सलंभा विदिण्णछत्त-चामर-बालवीयणिया कण्णीरहुप्पयाया वि होत्था बहूणं गणियासहस्साणं आहेवचं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टितं महतरगत्तं आणा-ईसर-सेणावच्चं कारेमाणी पालेमाणी महयाऽहय-नदृ-गीय-वाइय-तंती-तल-ताल-तुडिय-यण-मुइंग- पडुप्पवाइयरवेणं विउलाई भोगभोगाई मुंजमाणी] विहरइ तए णं तेसि सत्थवाहदारगाणं अण्णवा कयाइ पुववरणहकालसमसि जिमियभुत्तुतरागयाणं समाणाणं आयंताणं चोक्खाणं परमसुइभूयाणं सुहासणवरगयाणं इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था-सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया कल्लं पाउप्पभावाए रयणीए जाव उठ्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलंते विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेता तं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं धूव-पुप्फ-गंध- वत्यमल्लालंकारं गहाय देवदत्ताए गणियाए सद्धिं सुभूमिभागस्स उजाणस्स उजाणसिरि पच्चणुभवमाणाणं विहरितए ति कट्ट अण्णपण्णस्स एयमटुं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए रवणीए जाय उद्वियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलंते कोडुंबियपुरिसे सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं बयासी-गच्छह णं देवाणुप्पिया विपुलं असण-पाणं-खाइम-साइमं उवक्खडेह उवक्खडेता तं विपुलं असण-पाण-खाइस-साइमं धूव-पुष्फ-गंध-वत्य-मलालंकार गहाय जेणेव सुभूमिभागे उजाणे जेणेव नंदा पुस्खरिणी तेणेव उवागच्छह उवागच्छित्ता नंदाए पोक्खरिणीए अदूरसामंते धूणामंडव आहाणह-आसियसम्मजिओवलित्तं (पंचवण्ण-सरसुरभि-मुक्कपुष्फपुंजोवयारकलियं कालागरु-पवरकुंदुरुक्क-तुरुक्क-धूव-डझंति सुरभि-मघमत-गंधुद्भुयाभिरामं सुगंधवरगंधिय गंधवट्टिभूगंयं] करेह करेता अम्हे पडिवालेमाणा-पडियालेमाणा चिट्ठह जाव चिट्ठति तए णं ते सतवाहदारगा दोच्चंपि कोडवियपरिसे सद्दावेति सहावेता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया लहुकरण-जुत-जोइयं समखुर-वालिहाण-समलिहिय-तिक्खग्गसिंगएहिं रययामयघंट-सुत्तरञ्ज-पवरकंचण खचिय-नत्थपागहोग्गहियएहिं नीलुप्पलकयामेलएहिं पवर-गोण- जुवाणएहिं नाना-मणि-स्यण-कंचण-धंहियाजालपरिक्खित्तं पवरलक्खणोववेयं जुत्तामेव पवहणं
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