Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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४८
नापापप्पकहामओ - 91-14/६३
हरमिहुण-संविचिण्णे निचच्छणए दसारवर-वीरपुरिस-तेलोक्कबलवगाणं सोमे सुमगे पियदंसणे सुरूवे पासाईए दरिसणीए अभिरुवे पडिरूवे तस्स णं रेवयगस्स अदूरसामंते एत्य णं नंदनवणे नाम उजाणे होत्था-सब्बोउय-पुष्फ-फल-समिद्धे रम्पे नंदणवणप्पगासे पासाईए दरिसीए अभिरुवे पडिरूवे तस्स णं उजाणस्स बहुमज्झदेसभाए सुरप्पिए नाम जस्खाययणे होत्या-दिव्वे वगाओ तत्य णं बारवईए नयरीए कण्हे नामं वासुदेवे राया परिवसइ से णं तस्थ समुद्दविजयपामोक्खाणं दसण्हं दसाराणं बलदेवपामोक्खाणं पंचण्हं महावीराणं उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसहं राईसाहस्सीणं पञ्जुनपामोक्खाणं अद्भुट्टाणं कुमारकोडीणं संबपामोक्खाणं सट्ठीए दुइंतसाहस्सीणं वीरसेणपामोक्खाणं एककवीसाए वीरसाहस्सीणं महासेणपामोक्खाणं छप्पण्णाए बलवगसाहसीणं रुप्पिणिप्पामोक्खाणं बत्तीसाए महिलासाहस्सीणं अणंगसेणापामोक्खाणं अणेगाणं गणियासहस्सीणं अण्णेसिं च बहूणं ईसर-तलवर जाव सत्यवाहपभिईणं वेयड्ढगिरि-सागरपेरंतस्स य दाहिणड्ढ भरहस्स वारचईए नयरीए आहेवच्चं [पोरेवन्नं सामित्तं भहितं महत्तरगत्तं आणा-ईसर-सेणावचं कारेमाणे] पालेमाणे विहरइ १५८1-52
(६४) तत्य णं बारवईए नयरीए घावचा नामं गाहावइणी परिवसइ-अड्ठा [दित्ता वित्ता विस्थिण्ण-विउल-भवण-सयणासण-जाणवाहणा बहुधण-जावरूव-रयया आओग-पओग- संपउत्ता विच्छड्डिय-पउर-भत्तपाणा बहुदासीन्दास गो महिए-गवेलग-प्पभूया बहुजणस्स! ऊपरिभूया तीसे णं थावचाए गाहावइणीए पुत्ते यावच्चापुत्ते नाम सत्यवाहदारए होत्या- सुकुमालपाणिए [अहीण-पडिपुत्र-पंचिंदियसरीरे लखण-बंजण-गुणोववेए माणुप्माण-प्पमाणपडिपुन- सुजादसव्वंगसंदरंगे ससिसोमाकारे कंते पियदंसणे) सुरूवे तए णं सा यावच्चा गाहावइणी तं दारगं साइरेगअट्ठवासजाययं जाणित्ता सोहणंसि तिहि-करण-नक्खत्त-मुहतंसि कलायरियस्स उवणेइ जाव भोगसमत्थं जाणित्ता बत्तीसाए इब्भकुलबालियाणं एगदिवसेणं पाणि गेण्हावेइ वत्तीसओ दाओ जाव बत्तीसाए इब्भकुलबालियाहिं सद्धिं विपुले सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधे पंचविहे माणुस्सएकामभोए] जमाणे विहरइ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी आइगरे तित्थगरे सो चेव वण्णओ दसधणुस्सेहे नीलुप्पल-गवलगुलिय-अयसिकुसुमप्पगासे अट्ठारसहिं सपणसाहस्सीहिं चत्तालीसाए अज्जियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्याणुपुचि चरमाणे [गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे] जेणेव वारवइ नामं नगरी जेणेव रेवतगपव्वए जेणेव नंदणवणे उजाणं जेणेव सुरप्पियस्स जक्खस्स जक्खाययणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हिता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ परिसा निग्गया धम्मो कहिओतएणं से कण्हे यासुदेवे इमीसे कहाए लद्धडे समाणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं बयासी-खिप्पामेव मो देवाणुपिया सभाए सुहम्माए मेघोघरसियं गंभीरमहरसह कोमुइयं भेरि तालेह
तए णं ते कोकुंबियपुरिसा कण्हेणंवासुदेवेणं एवं वुत्ता समाणा हद्वतुट्टा-[चित्तमाणंदिया जाव हरिसवस-विसप्पमाणहियया करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं] मत्थए अंजलि कट्ट एवं सामी तए त्ति आगाए विगएणं वयणं] पडिसुणेति पडिसुणेत्ता कण्हस्स वासुदेवस्स अंतियाओ पडिनिक्खमंतिपडिनिक्खमित्ता जेणेव सपा सुहम्माजेणेव कोमुइया मेरी तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता तं मेघोघरसियं गंभीरमहुरसई कोमुइयं भेरि तालेति तओ निद्ध-महुर-गंभीर-पडिसुएणं
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