Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 96
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुयखंघो-१, अन्नपणं वरपारवे तेणेव उवागच्छइ उवागछित्ता सीयाओ पच्चोरुहइ आभारणालंकारं ओमुयइ तए णं पभावई हंसलक्खणेणं पडसाडएणं आभरणालंकारंपडिच्छइतएणं मल्ली अरहा सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ तए णं सक्के देविंदे देवराया मल्लिस्स केसे पडिछइ पडिछित्ता खीरोदगसमुद्दे साहरइ तए णं पल्ली अरहा नमोत्यु णं सिद्धाणं त्ति कटु सामाइयचरित्तं पडिवज्जइ जं समयं चणं मल्ली अरहा सामाइयचरितं पडिवज्जइ तं समयं च णं देवाणं माणुसाण य निग्धोसे तुडिय-निनाए गीय-वाइय-निग्घोसे य सक्कारयणसंदेसेणं निलुकके यावि होत्था जं समयं च णं मल्ली आहा सामाइयचारित्तं पडिवण्णे तं समयं च मल्लिस्स अरहओ माणुसधम्माओ उत्तरिए मणपजवाणे समुप्पण्णे मल्ली णं अरहा जे से हेमंताणं दोच्चे मासे चउत्ते पक्खे पोससुद्धे तस्स णं पोससुद्धस्स एक्कारसीपक्जेणं पुव्यण्हकालसमयंसि अट्टमेणं भत्तेणं अपाणएणं अस्सिणीहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं तिहिं इत्थीसएहि-अभितरियाए परिसाए तिहिं पुरिससएहिं-बाहिरियाए परिसाए सद्धिं मुंडे भवित्ता पव्वइए मलिं अरहं इमे अट्ठ नायकुमारा अनुपब्बइंसु १८३-३1-77-9 (१०७) नंदे य नंदिमित्ते सुमित्त वत्नमित्त भाणुमित्ते य अपरयइ अमरसेणे महसेणे चेव अद्वमए |१५||-1 (१०८) तए णं ते भवणवइ-याणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया देवा मल्लिस्स अरहओ निक्खमण महिपं करेंति करेत्ता जेणेव नंदीसरे [दीवे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता अट्ठाहियं महिमं करेति करेत्ता जामेव दिसि पाउटभूया तामेव दिसि पडिगया तए णं मल्ली अरहा जं चेव दिवसं पव्वइए तस्सेव दिवसस्स पच्चावरण्हकालसमयंसि असोगवरपावयस्स अहे पुढविप्तिलापट्टयति सुहासणवरगयस्स सुहेणं परिणामेणं पसथाहिं लेसाहिं तयावरण-कम्मरय-विकरणकर अपुव्वकरणं अनुपविट्ठस्स अनंते अनुत्तरे निव्याधाए निरावरणे कसिणे पडिपुन्ने केवलवरनाणदंणे समुप्प।।८३-४-1८३1-77-4 - 77 (१०९) तेणं कालेणं तेणं समएणं सव्वदेवाणं आसणाई चलेंति समोसढा धम्म सुणेति सुणेत्ता जेणेव नंदीप्तरे दीवे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छत्ता अट्ठाहियं महिमं करेति करेत्ता जामेव दिसि पाउभूया तामेव दिसिं पडिगया कुंभए वि निग्गच्छइ तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो जेट्टपुत्त रज्जे ठावेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीयाओ सीयाओ दुरुढा समाणा सब्बिड्डीए जेणेव मल्ली अरहातेणेव उवागछति जाव पञ्जवासंति तए णं मल्ली अरहा तीसे महइमहालियाए परिसाए कुंभगस्स रपणो तेसि च जियसत्तुपामोक्खाणं छहं राईणं धम्म परिकहेइ परिसा जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया कुंभए समणोवासए जाव पडिगए पभावई य तए णं जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो धम्मं सोचा निसम्मं एवं वयासी-आलित्तए णं भंते लोए पलित्तए णं भंते लोए आलित-पलित्तए णं भंते लोए जराए मरणेण य जाव पव्वइया जाव चोद्दसपुग्विणो अनंते बरनाणदंसणे केवले समुप्पाडेत्ता तओ पच्छा सिद्धा तए णं मल्ली अरहा सहस्संबवणाओ उज्जाणाओ निक्खमइ निक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ मल्लिस्स णं अरहओ भिसगपामोस्खा अट्ठावीसं गणा अट्ठावीसं गणहरा होत्था मल्लिस्स णं अरहओ चत्तालीसं समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था बंधुमइपामोक्खाओ पणपत्रं अज्जियासाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया होत्या सावयाणं एगा सयसाहस्सी बुलसीइं सहस्सा सावियाणं तिणि सयसाहस्सीओ पत्रद्धिं च सहस्सा छस्सया चोद्दसपुव्वीणं बीसं सया ओहिनाणीणं वत्तीसं सया केवल For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182