Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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पक्खंयो-१, अनमयण-९ वयासी-अम्हे तारयाहि अम्हे पालयाहि तए णं से सेलए जक्खे ते मागंदिय-दारए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया तुझं मए सद्धि लयणसमुई मज्झमज्झेणं वीईवयमाणाणं सा रयणदीवदेवया पावा चंडा रुद्दा खुद्दा साहसिया बहूहिं खरएहि य मउएहि य अणुलोमेहि य पडिलोमेहि य सिंगारेहि य कलुणेहि य उवसग्गेहिं उवसर्ग करेहिइ तं जइ णं तुझे देवाणुप्पिया रयणदीवदेवयाए एयमद्वं आढाह वा परियाणहा वा अवयस्खह वा तो मे अहं पट्ठाओ विहुणामि अह गं तुझे रयणदीवदेवयाए एयमटुंनो आढाह नो परियाणह नो अवयक्खह तो भेरयणदीवदेवयाएहत्थाओ साहत्थि नित्थारेमि तए णं ते मागंदिय-दारगा सेलगंजक्खं एवं वयासी-जं णं देवाणुप्पिया वइस्संति तस्सणं आणा उबवाय-ययण-निदेसे चिट्ठिस्साओ तए णं से सेलए जक्खे उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ अवक्कमिता वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ समोहणित्ता संखेजाई जोयणाई दंडं निस्सरइ दोचंपि वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ समोहणित्ता एवं महं आसरुवं विउब्वइ विउव्वित्ता मागंदिय-दारए एवं वयासी-हंभो मार्गदिय-दारया आरुहह णं देवाणुप्पिया भम पटुंसि तए णं ते मादगियदारया हट्ठा सेलगस्स जक्खस्स पणामं करति करेत्ता सेलगस्स पढ़ दुरूढा तए णं से सेलए ते मागंदिय-दारए पढे दुरूढे जाणित्ता सत्तकृतलप्पमाणमेत्ताई उड्ढं वेहासं उप्पयइ उप्पइत्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए दिव्वाए देवगईए लवणसमुई मझमझोणं जेणेव जंबुद्दीवे दीये जेणेव भारहे वासेजेणेव चंपा नयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए।९०1-83
(१२५) तए णं सा रयणदीवदेवया लवणसमुदं तिसत्तखुत्तो अनुपरियहइ जं तत्य तणं वा जार एगंते एडेइ जेणेव पासायव.सए तेणेव उवागच्छद उवागछित्ता ते मागंदिय-धारए पासायव.सए अपासमाणी जेणेव पुरथिमिल्ले वणसंडे तेणेव उवागच्छइ जाव सबओ समंता मगण-गवेसणं करेइ करेता तेसिं मागंदिय-दारगाणं कत्थइ सुई वा खुई वा पउत्तिं वा] अलगमाणी जेणेव उत्तरले एवं चेव पन्चत्यिमिले वि जाव अपासमाणी ओहि पउंजइ ते मागंदिय-दारए सेलएणं सद्धि लवणसमुदं पज्झमझेणं वीइवयमाणे पास पासिता आसुरुत्ता असिखेडगं गेण्हइ मेण्हित्ता सत्तट्ट तिलप्पमाणमेत्ताई उड्ढं वेहासं उप्पयइ उप्पइता ताए उकिकट्ठाए देवगईए जेणेच मागंदिय-दारया तेणेव उवागच्छइ उवागचित्ता एवं बयासी-हंभो मागंदिय-दारगा अपत्थियपत्थाया किण्ण तुटभे जाणह ममं विप्पजहाय सेलएणं जक्नेणं सद्धि लवणसमदं मझमज्झेणं वीईवयमाणा तं एवमवि गए जइणं तुमे ममं अवयस्खह तो भे अस्थि जीवियं अहणं नावयवह तो भे इमेणं नीलुप्पलगवल [गुलिय-अयसिकुसुमप्पगासेणं खुरधारेणं असिणा रत्तगंडमंसुयाई माउआहिँ उवसोहियाइं तासफलाणि व सीसाई एगते एडेमि तए णं ते मागंदिय-दारगा रयणदीवदेवयाए अंतिए एयमद्वं सोचा निसम्म अभीया अतत्था अनुविग्गा अक्खुभिया असंभंता रयणदीवदेवयाए एयमद्वं नो आढति नो परियाणंति नो अवयक्खंति अणाढामाणा अपरियामाणा अणवयक्खमाणा सेलएणं जक्खेणं सद्धिं लवणसमुहं मझमझेणं बीईवयंति।
___तए णं सा रयणदीवदेवया ते मागंदिय-दारए जाहे तो संचाएइ बहूहिं पडिलोमेहि उवसग्गेहिं चालित्तए वा लोभित्तए वा खोभितए वा विपरिणामित्तए वा ताहे महुरेहिं सिंगारेहि य कलुणेहि य उवसग्गेहिं उवसागेउं पयत्ता यावि होत्या-हंभो मागंदिय-दारगा जइ णं तुमेहिं देवाणुप्पिया मए सद्धिं हसियाणि य रमियाणि य ललियाणि य कीलियाणि य हिंडियाणि य मोहिपाणि य ताहेणंतुब्बे सव्वाई अगणेमाणा ममं विप्पजहाय सेलएणं सद्धिं लवणसमुदं मझमझेणं
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