Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 58
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुपक्षा -१, अज्मयण-५ पिव सााइएणं बलाहएणं अनुरसियं मेरीए तए णं तीसे कोमुइयाए भेरीए तालियाए समाणीए बारवईए नयरीए नवजोयणवित्येिण्णाए दुवालसजोयणायामाए सिंघाडग-तिर-घउक्क- बच्चरकंदर-दरी-विवर-कुहा-गिरिसिहर-नगरगोउर-पासाय दुवार-भवण-देउल-पडिस्सुया-सयहसहस्स संकुलं करेमाणे बारवत्तिं नवरी सर्दिभतर-बाहिरियं सव्वओ समंता सद्दे विप्पसरित्या तए णं बारवईए नपरीए नवजोयणवित्थिण्याए बारसजोयणायामाए समुद्द विजयपामोक्खा दस दसारा जाव गणियासहस्साई कोमुईयाए भेरीए सई सोधा निसम्मं हट्टतुट्ठ-वित्तमाणंदिया जाव हरिसवस-विसप्पमाणहिवया व्हाया आविद्ध- वग्धारिय- मल्लदाम- कलावा अहयवत्य- चंदणोकित्रगावसरीरा अप्पेगइया हयगया एवं गवगया रह-सीया-संदमाणीगवा अप्पेगइया पापविहारचारेणं पुरिसव'गुरापरिक्खिता कण्हरस वासुदेवस्स अंतियं पाउमवित्या तए णं से कण्हे वासुदेचे समुद्दविजयपामोक्खे दस दसारे जाव अंतियं पाउटमूवमाणे पासित्ता हट्टतुटु चित्तमाणदिए जाव हारसवस विसप्पमाणहियए कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेता एवं बयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया चाउरंगिणि सेणं सजेह विजयं च गंधहत्यि उबट्ठवेह तेवि तहत्ति उवट्टवेति [तए णं से कण्हे वासुदेवे हाए जाव सव्यालंकारविभूसिए विजयं गंधहत्यि दुरूढे समाणे सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं महया भड़-चडगर-वंद-परियाल-संपरिखुड़े बारवतीए नयरीए मझमझेणं निग्गच्छइ निगच्छित्ता जेणेव रेवतगपव्यए जेणेव नंदणवणे उजाणे जेणेव सुरप्पियस्स जखस्स जक्खाययणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अरहओ अरिहनेपिस्स छत्ताइचछत्तं पडागाइपद्धागं विजाहरचारणे जंभए य देवे ओवयमाणे उप्पायमाणे पासइ पासित्ता विजयाओ गंधहत्थीओ पचोरूहइ पच्चोखहित्ता अरहं अरिष्टनेमि पंचविहेणं . अभिगमेणं अभिगच्छइजेणामेव अरहा अरिद्वनेमी तेणामेव उवागच्छइ उवागछिता अरहं अरिट्ठनेमिं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसिता अरहओ अरिष्टनेमिस्स नयासत्रे नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमसमाणे पंजलिउडे अभिमुहे विणएण, पनवासइ।५९।-53 (१५) थावचापुत्ते वि निग्गए जहा मेहे तहेव धम्मं सोचा निसम्म जेणेव थावच्चा गाहावइणी देणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पायग्गहणं करेइ जहा मेहस्स तहा चेव निवेयणा तए णं तं थावसापुतं थावचा गाहावइणी जाहे नो संचाएइ विसयाणुलोमाहि व बिसयपडिकूलाहि य बहूहिं आघवणाहि य पत्रवणाहि य सण्णवणाहि य दिण्णवणाहि य आघवित्तए वा पत्रवित्तए वा सण्णवित्तए वा विण्णवित्तए वा ताहे अकामिया चेव थावच्चापुत्तस्स दारगस्स निक्खमणमणुमन्नित्था तए णं सा थावच्चा गाहावइणी आसणाओ अमुढेइ अदमुद्रेत्ता महत्थं महाधं महरियं रायारिहं पाहुडं गेण्हइ गेण्हिता मित्त-जाव संपरिवुडा जेणेव कण्हस्स बासुदेवस्स भाणवरपडिदुवारदेसभाए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पडिहारदेसिएणं मग्गेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता करयल-(परिग्गहियं सिरसावतं मत्थए अंजलिं कट्टु जएणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावेत्ता तं महत्थं महाधं महरिहं रायारिहं पाहुडं उवणेइ उवणेत्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया मभ एगे पुते यावच्चापुत्ते नापं दारए इढे [कंते पिए मणुणे मणापे थेग्जे वेसासिए सम्पए बहुपए अनुए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभूए जीवियऊसासए हिययनंदिजणए उंबरपुष्फ पिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण दरिसणयाए से जहानामए उप्पले ति वा पउमे ति वा कुसुदे ति वा पंके जाए जले संयढिए नोवलिप्पइ पंकरएणं नोवलिप्पएइ जलरएणं एवामेत For Private And Personal Use Only

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