Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 48
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुयखंपो-१, मायण-२ गिहित्ता जामेव दिसि पाउदभूए तामेव दिसि पडिगए तए णं तस्स धणम्स सत्यवाहस्स तं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं आहारियस्स समाणस्स उच्चार-पासवणे णं उव्वाहित्या तए णं से धणे सत्यवाहे विजयं तक्कर एवं क्यासी-एहि ताव विजया एगंतमवक्कामो जेणं अहं उच्चार-पासवणं परिवेमि तए णं से विजए तकृकरे धणं सत्यवाहं एवं वयासी-तुझं देवाणुप्पिया विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं आहारियस अत्यि उचारे वा पासवणे वा पमं णं देवाणुप्पिया इमेहिं बहूहिँ कसप्पहारेहि य छिवापहारेहि य लयापहारेहि य ताहाए य छुहाए य परझराणस्स नस्थि केइ उच्चारे वा पासवणे वा तं छंदेणं तुम देवाणुप्पिया एगंते उवकसित्ता उच्चार-पासवणं परिहवेहि तए णं से धणे सत्यवाहे विजएणं तक्करेणं एवं युते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ तए णं से धणे सत्थवाहे मुहुरंतरसस बलियतरागं उच्चार-पासवणेणं उव्याहिज्जमाणे विजयं तक्करं एवं बयासी-एहिं ताव विजया [एगंतमकमाणो जेणं अहं उच्चार-पासवणं परिद्ववेमि तए णं से विजए तककरे धणं सत्यवाहं एवं वयासी-जइणं पुणं देवाणुप्पिया ताओ विपुलाओ असण-पाण-खाइसं साइमाओ संविभागं करेहि तओहं तुमेहिं सद्धिं एगंतं अवकमामि तए णं से धणे सत्यवाहे विजयंतककरं एवं वयासी-अहं णं तुमंताओ विपुलाओ असण-पाण-खाइम-साइमाओ संवि-भागं करिस्सामि तएणं से विजए तक्को धणस्स सत्यवाहस्स एयममु पडिसुणेइ तए णं से धणे सत्यवाहे विजएणं तकरणं सद्धिं एगते अवक्कमइ उच्चारपासवर्ण परिट्ठवेइ आयंते चोकुखे परमसुइभूए तमेव ठाणं उवसंकमित्ता णं बिहरइ तए णं सा भद्दा कलं पाउप्पभाए रयणीए जाव उद्वियम्मि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलंते विपुलं असणं [पाणं खाइमं साइमं उवक्खडेइ भोवणपिडयं कोइ करेता भोयणाई पस्तिवइ लंछिय-मुद्दियं करेइ कोत्ता एगं च सुरभि वर वारिपडिपुग्नं दगवारयं करेइ करेत्ता पंथयं दासचेडयं सद्दावेइ सद्दावेता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया इमं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं गहाय चारगसालाए धणस्स सत्यवाहस्स उवणेहि तए णं से पंथए भद्दाए सस्थवाहीए एवं वुत्ते समाणे हद्वतढे तं भोवणपिडयं तं च सुरभिवरवारिपडिपुन्नं दगवारयं गेण्हइ गेण्हित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्सभइ पडिमिक्खिमित्ता राबगिहं नगरं मन्झंमज्झेणं जेणेव चारगसाला जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता भोवणपिड टवेइ ठवेता उल्लांछेइ उल्लंछेत्ता पोयणं गेण्हइ गेण्हित्ता भायणाइं टावइ ठावित्ता हत्यसोय दलयइदलइत्ताधणं सत्यवाहं तेणंविपुलेणं असण-पाण-खाइमसाइमेणं परिवेसेइ तए णं से धणे सत्यवाहे विजयस्स तक्करस्स ताओ विपुलाओ असण-पाण-खाइम-साइमाओसंविभागकोइतएणं से धणे सत्यवाहे पंथगंदासचेडयं विसजेइतए णं से पंथए भोयणपिडयं गहाव चारगाओ पडिणिक्खमइ पडिनणिक्खमित्ता रायगिह नवरं मझमझेणंजेणेव सएगिहे जेणेदभद्दा सत्यवाही तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ताभदं सत्यवाहिएवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए धणे सत्यवाहे तव पुतधायगस्स पुत्तमारगस्स अरिस्स वेरियस्स पड़णीयस्स पच्चामित्तस्स ताओ विपुलाओ असण-पाण-खाइम-साइमाओसंविभागकरेइ।४६।-40 (५२) तए णं सा भद्दा सत्यवाही पंधगस्स दासचेडगस्स अंतिए एयमद्वं सोचा आसुरुत्ता रुट्ठा [कुविया चंडिकिकया] मिसिमिसेमाणी धणस्स सत्थवाहस्स पओसमावजइ तए णं से धणे सस्थवाहे अण्णया कयाई मित्त-नाइ-नियग-सयण-संबंधि-परियणेणं सएण य अत्थसारेणं राय For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182