Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुपखंघो-१, अश्रयणं-१ णीओ चिट्ठति तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स एगा वरतरुणी सिंगारा-जाव कुसला सीयं दुरिहइ दुरिहित्ता मेहस्स कुमारस्स पुरओ पुरत्थिये णं चंदप्पभवइर-वेरुलिय-विमलदंडं तालियंट गहाय चिट्ठइ तए णं तस्स पेहस्स कुमारस्स एगा बरतरुणी जाव कुसला सीयं दुरुहइ दुरिहित्ता मेहस्स कुमारस्स पुव्वदक्खिणे णं सेयं रययामयं विमलसलि पुग्नं मत्तगयमहामुहाकितिसमाणं भिंगारं गहाय चिठ्ठइ तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पिया कोडुबिपुरिसे सहावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिव्ववाणं एगाभरण-गहिय-निजोयाणं कोडुबियवरत-रुणाणं सहस्संसद्दावेह जाव सद्दावेंति तएणं ते कोडुंबिववरतरुणपुरिसा सेणियस्स रण्णो कोडुंबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हट्टा बहाया जाव सव्यालंकारविभूसिया एगाभरणपहियणिनोया जणामेव सेणिए राया तेणामेव उवागञ्छिति उवागच्छत्ता सेणियं रायं एवं वयासी-संदिसह णं देवाणुप्पिया जं णं अम्हेहिं करणिज्नं तए णं से सेणिए राया तं कोडुंबियवरतरुणसहस्सं एवं वयासी-गच्छह णं तुभे देवाणुप्पिया मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं परिवहेह तए णं तं कोर्दुवियवरतरुणसहस्सं सेणिएण रण्णा एवं वुतं संतं हटुं मेहस्स कुमारप्स पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं परिवहइ तए णं तस्स पेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं दुरुढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलया तप्पढमयाए पुरओ अहाणुपुवीए संपत्थिया तं जहा- सोवत्यिय-सिरिवच्छ-नंदियावत्त-बद्धमाणा-भद्दासण-कलस-मच्छ-दप्पणवा जाव बहवे अत्यत्थिया [कामस्थिया भोगस्थिया लाभत्थिया किब्लिसिया कारोडिया कारवाहिया संखिया चक्किया नंगलिया मुहुमंगलिया बद्धमाणा पूसमाणया खंडिवगणा ताहि इट्ठाहिं कंताहि पियाहि] मणुण्णाहिं मणामाहिं मणाभिरामाहिं हिययगमणिजाहिं वग्गुहिं जयविजयमंगलसएहिं अणवरयं अभिनंदंता य अभिधुणंता य एवं वयासी-जय-जय-नंदा जय-जय भट्दा जय-जय नंदा भदं ते अजियं जिणाहि इंदियाइं जियं च पालेहि समणधम्म जियविग्धो वि व वसाहि तं देव सिद्धिपज्झे निहणाहि रागदोसमवे तवेण धिइ-धणिय-बद्धकच्छो सद्दाहि य अद्वकम्मसतू झाणेणं उत्तमेणं सुकेणं अप्पमत्तो पायय वितिमिरमणुत्तरं केवलं नाणं गच्छ य मोक्खं परमं पयं सासयं च अयलं हंता परीसहचणं अभीओ परीसहोवसग्गाणं धमे ते अविग्धं भवर त्ति कट्ट पुणो-पुणो मंगल-जयसई पउंजंति तए णं से मेहे कुमारे राबगिहस्स नगरस्स मज्झमज्झेणं निग्गछाइ निग्गच्छित्ता जेणेव गुणसिलए चेइए तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छिता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ पच्चोरूहइ।२८1-24 (३४) तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमारं पुरओ कट्ट जेणामेव सपणे भगवं महावीरे तेणामेव उयागच्छंति उवागछित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्क्षुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेंति करेत्ता वंदंति नर्मसंत्ति वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया मेहे कुमारे अम्हं एगे पुत्ते इढे कंते [पिए मणुण्णे पणामे घेल्ने वेसासिए सम्मए बहुमए अनुमए भंडकरंडग-समाणे रवणे यणभूए] जीवियऊसासए हिययनंदिजणए उंबरपुफ पिव दुल्लहे सवणपाए किमंग पुण दरिसणयाए से जहानामए उप्पले ति वा पउमे ति या कुसुदे ति या पंके जाए जले संवड्ढिए नोवलिप्पइ पंकरएणं नोबलिप्पइ जलरएणं एवामेव मेहे कुमारे कामेसु जाए भोगेसु संवढिए नोवलिप्पइ कामरएणं नोवलिप्पइ भोगरएणं एस णं देवाणुप्पिया संसारभउब्बिगे भीए जप्मण-जर-मरणाणं इच्छइ देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए For Private And Personal Use Only

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