Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: DeepratnasagarPage 16
________________ जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं महाहिमवंताओ वासहरपव्वयाओ महापउमहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति तं जहा- रोहियच्चेव हरिकंतच्चेव एवं निसढाओ वासहरपव्वयाओ तिगिंछिद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति तं जहा- हरिच्चेव सीतोदच्चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं नीलवंताओ वासहरपव्वताओ केसरिद्दहाओ हाओ दो महानईओ पवहंति तं जहा- सीता चेव नारिकंता चेव, एवं- रुप्पीओ वासहरप्पताओ महापोंडरीयद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति तं जहा- नरकंता चेव रुप्पकूला चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं भरहे वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ता-बहुसमतुल्ला तं जहा- गंगप्पवायद्दहे चेव सिंधुप्पवायद्दहे चेव एवं हेमवए वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ता - बहुसमतुल्ला तं जहा- रोहियप्पवायद्दहे चेव रोहियंसप्पवायद्दहे चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं हरिवासे वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला ठाणं-२, उद्देसो-३ तं जहा- हरिपवायद्दहे चेव हरिकंतप्पवायद्दहे चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर दाहिणेणं महाविदेहे वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ताबहुसमतुल्ला जाव तं जहा- सीतप्पवायद्दहे चेव सीतोदप्पवायद्दहे चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं रम्मए वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ता-बहुसमतुल्ला जाव तं जहा- नरकंतप्पवायद्दहे चेव नारिकंतप्पवायद्दहे चेव, एवं हेरण्णवते वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ताबहुसमतुल्ला जाव तं जहा- सुवण्णकूलप्पवायद्दहे चेव रुप्पकूलप्पवायद्दहे चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं एरवए वासे दो पवायद्दहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला जाव तं जहा- रत्तप्पवायद्दहे चेव रत्तावईपवायद्दहे चेव, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं भरहे वासे दो महानईओ पण्णत्ताओबहुसमतुल्लाओ जाव तं जहा- गंगा चेव सिंधू चेव, एवं जहा पवातद्दहा एवं नईओ भाणियव्वाओ, जाव एरवए वासे दो महानईओ पण्णत्ताओ - बहुसमतुल्लाओ जाव तं जहा- रत्ता चेव रत्तवती चेव । [८९] जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमद्समा समाए दो सागरोवमकोडीओ काले होत्था । एवं इमीसे ओसप्पिणीए जाव पन्नत्ते, एवं आगमिस्साए उस्सप्पिणीए जाव भविस्सति । जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएस वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमाए समाए मणुया दो गाउयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था, दोण्णि य पलिओवमाइं परमाउं पालइत्था, एवमिमीसे ओसप्पिणीए जाव पालइत्था, एवमागमेस्साए उस्सप्पिणीए जाव पालयिस्संति । जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो अरहंतवंसा उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा एवं दो चक्कवट्टिवंसा, एवं दो दसारवंसा उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा । जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो अरहंता उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा एवं चक्कवट्टिणों एवं बलदेवा एवं वासुदेवा [दसारवंसा] जाव उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः ] [15] [ ३-ठाणं]Page Navigation
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