Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 69
________________ मणस्साणं चउव्विहे आहारे पण्णत्ते तं जहा- असणे पाणे खाइमे साइमे देवाणं चउविहे आहारे पण्णत्ते तं जहा- वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते । [३६४] चत्तारि जातिआसीविसा प० तं०- विच्छुयजातिआसीविसे मंडुक्कजातिआसीविसे उरगजातिआसीविसे मणस्सजातिआसीविसे । ठाणं-४, उद्देसो-४ विच्छ्यजातिआसीविसस्स णं भंते! केवइए विसए पण्णत्ते? पभू णं विच्छ्यजातिआसीविसे अद्धभरहप्पमाणमेत्तं बोदिं विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं करित्तए विसए से विसद्वताए नो चेव णं संपत्तीए करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा । मंडुक्कजातिआसीविसस्स णं भंते! केवइए विसर पण्णत्ते? पभू णं मंडुक्कजातिवआसीविसे भरहप्पमाणमेत्तं बोदिं विसेणं विसपरिणयं विसट्टमाणिं० सेसं तं चेव- जाव करिस्संति वा उरगजाति पुच्छा- पभू णं उरगजातिआसीविसे जंबुद्दीवपमाणमेत्तं बोदिं विसेणं० सेसं तं चेव जाव करिस्संति वा, मणुस्सजाति पुच्छा- पभू णं मणुस्स-जातिआसीविसे समयखेत्तपमाणमेत्तं बोंदि विसेणं विसपरिणतं विसट्टमाणिं करेत्तए, विसए से विसद्वताए नो चेव णं जाव करिस्संति वा । [३६५] चउव्विहे वाही पण्णत्ते तं जहा- वातिए पित्तिए सिभिए सण्णिवातिए | चउव्विहा तिगिच्छा पन्नत्ता तं० विज्जो ओसधाई आउरे परियारए । ३६६] चत्तारि तिगिच्छगा पन्नत्ता तं जहा- आततिगिच्छए नाममेगे नो परितिगिच्छए. परितिगिच्छए नाममेगे नो आततिगिच्छए-४ | चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- वणकरे णाममेगे नो वणपरिभासी, वणपरिभासी नाममेगे नो वणकरे, एगे वणकरेवि वणपरिमासीवि, एगे नो वणकरे नो वणपरिभासी; चत्तारि परिसजाया पन्नतता तं जहा- वणकरे नाममेगे नो वणसारक्खी-४ | या पन्नत्ता तं जहा- वणकरे नाममेगे नो वणसरोही-४ ।। चत्तारि वणा पन्नत्ता तं जहा- अंतोसल्ले नाममेगे नो बाहिंसल्ले-४ । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- अंतोसल्ले नाममेगे नो बाहिंसल्ले-४ । चत्तारि वणा पन्नत्ता तं जहा- अंतोडे नाममेगे नो बाहिंढे, बाहिंडे नाममेगे नो अंतोडे-४ | एवामेव चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- अंतोडे नाममेगे नो बाहिंढे-४ ।। चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- सेयंसे नाममेगे सेयंसे, सेयंसे नाममेगे पावंसे, पावंसे नाममेगे सेयंसे, पावंसे नाममेगे पावंसे । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- सेयंसे नाममेगे सेयंसेत्ति सालिसए, सेयंसे नाममेगे पावंसेत्ति सालिसए-४ । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- सेयंसे नाममेगे सेयंसेत्ति मण्णति सेयंसे नाममेगे पावंसेत्ति मण्णति-४ । । चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- सेयंसे नाममेगे सेयंसेत्ति सालिसए मण्णत्ति सेयंसे नाममेगे पावंसेत्ति सालिसए मण्णत्ति-४ । चत्तान [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [68] [३-ठाण]

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