Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 108
________________ बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सत्ताणिया सत्त अणियाधिपती पन्नत्ता तं जहा- पायत्ताणिए जाव गंधव्वाणिए, महद्दुमे पायत्ताणियाधिपती जाव किंपुरिसे - रधाणियाधिपती महारट्ठे नट्टाणियाधिपती गीतजसे गंधव्वाणियाधिपती । घरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाधिपती पन्नत्ता तं जहा- पायत्ताणिए जाव गंधव्वाणिए भद्दसेणे पायत्ताणियाधिपती जाव आणंदे रघाणियाधिपती नंदणे नट्टामियाधिपती तेतली गंधव्वाणियाधिपती । भूताणंदस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई पन्नत्ता जहा- पायत्ताणिए जाव गंधव्वाणिए दक्खे पायत्ताणियाहिवती जाव नंदुत्तरे रहाणियाहिवइ रती नट्टाणिया ठाणं - ७ हिवई माणसे गंधव्णियाहिवई, एवं जाव घोस-महाघोसाणं नेयव्वं । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवती पन्नत्ता तं जहापायत्ता- णिए जाव गंधव्वाणिए हरिणेगमेसी पायत्ताणियाधिपती जाव माढरे रधाणियाधिपती सेते ट्टाणियाहिवती तुंबुरु गंधव्वाणियाधिपती ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई पन्नत्ता तं जहापायत्ता-णिए जाव गंधव्वाणिए लहुपरक्कमे पायत्ताणियाहिवती जाव महासेते नट्टाणियाहिवती रते गंधव्वाणिता-धिपती, सेसं जहा पंचट्ठाणे, एवं जाव अच्चुतस्स वि नेयव्वं । [६८३] चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो दुमस्स पायत्ताणियाधिपतिस्स सत्त कच्छाओ पन्नत्ताओ तं जहा- पढमा कच्छा जाव सतमा कच्छा । चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो दुमस्स पायत्ताणियाधिपतिस्स पढमाए कच्छाए चउसट्ठि देवसहस्सा पन्नत्ता जावतिया पढमा कच्छा तव्विगुणा दोच्चा कच्छा जावितिया दोच्चा कच्छा तव्विगुणा तच्चा कच्छा एवं जाव जावतिया छट्ठा कच्छा तव्विगुणा सत्तमा कच्छा । एवं बलिस्सवि, नवरं महद्दुमे सट्ठिदैवसाहस्सिओ, सेसं तं चेव धरणस्स एवं चेव नवरं अट्ठावीसं देवसहस्सा, सेसं ते चेव, जधा धरणस्स एवं जाव महाघोसस्स, नवरं पायत्ताणियाधिपती अण्णे ते पुव्वभणिता । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो हरिणेगमेसिस्स सत्त कच्छाओ पन्नत्ताओ तं जहा- पढमा कच्छा एवं जहा चमरस्स तहा जाव अच्चुतस्स, नाणत्तं पायत्ताणियाधिपतीणं ते पुव्वभाणिता देवपरिमाणं इमं-सक्कस्स चउरासीतिं देवसहस्सा जाव जावतिया छट्ठा कच्छा तव्विगुणा सत्तमा छा देवा इमाए गाथाए अणुगंतव्वा । जाव अच्चुत्तस्स लहुपरक्कमस्स दस देव सहस्सा जाव जावतिता छट्ठा कच्छा तव्विगुणा सत्तमा कच्छा । [६८४] चउरासीति असीति बावत्तरी सतरी य सट्ठी य पन्ना चत्तालीसा तीसा वीसा य दससहस्सा || [६८५] सत्तविहे वयणविकप्पे पण्णत्ते तं जहा- आलावे अणालावे उल्लावे अणुल्लावे संलावे पलावे विप्पलावे । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः ] [107] [३-ठाणं]

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