Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 75
________________ जम्मि पुरिसम्मि विज्जति से विसकुंभे मधुपिहाणे ।। [३९१] जं हिययं कलुसमयं जीहाऽवि य कडुयभासिणी निच्चं । जम्मि पुरिसम्मि विज्जति से विसकुंभे विसपिहाणे ।। [३९२] चउव्विहा उवसग्गा पन्नत्ता तं०- दिव्वा माणुसा तिरिक्खजोणिया आयसंचेयणिज्जा, दिव्वा उवसग्गा चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा- हासा पाओसा वीमंसा पुढोवेमाता, माणुसा उवसग्गा चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा- हासा पाओसा वीमंसा कुसीलपडिसेवणया, तिरिक्खजोणिया उवसग्गा चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा- भया पदोसा आहारहे अवच्चेलणसारक्खणया, आयसंचेयणिज्जा उवसग्गा चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा- घट्टणता पवडणता थंभणता लेसणता । [३९३] चउव्विहे कम्मे पण्णत्ते तं जहा- सुभे नाममेगे सुभे, सुभे नाममेगे असुभे, असुभे नामेगे सुभे, असुभे नाममेगे असुभे । चउव्विहे कम्मे प० तं जहा- सुभे नाममेगे सुभविवागे, सुभे नाममेगे असुभविवागे, असुभे नाममेगे सुभविवागे, असुभे नाममेगे असुभविवागे । चउव्विहे कम्मे पण्णत्ते तं जहा- पगडीकम्मे ठितीकम्मे अणुभावकम्मे पदेसकम्मे | [३९४] चउवविहे संघे प० तं० जहा- समणा समणीओ सावगा सावियाओ । [३९५] चउव्विहा बुद्धी पन्नत्ता तं जहा- उप्पत्तिया वेणइया कम्मिया परिणामिया । चउव्विहा मई पन्नत्ता तं जहा- उग्गहमती ईहामती अवायमती धारणामती; अहवाठाणं-४, उद्देसो-४ चउव्विहा मती पन्नत्ता तं जहा- अरंजरोदगसमाणा वियरोगदसमाणा सरोदगसमाणा सागरोदगसमाण [३९६] चउव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा पन्नत्ता तं जहा- नेरइया तिरिक्खजोणिया मणस्सा देवा चउव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता तं जहा- मणजोगी वइजोगी कायजोगी अजोगी, अहवाचउव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता तं जहा- इत्थिवेयगा पुरिसवेयगा नंपुसकवेयगा अवेयगा, अहवा- चउव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता तं जहा- चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी ओहिंदसणी केवलदंसणी, अहवा- चउव्विहा सव्वजीवा पन्नत्ता तं जहा- संजया असंजया संजया-संजया नोसंजया नोअसंजया । [३९७] चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- मित्ते नाममेगे मित्ते, मित्ते नाममेगे अमित्ते, अमित्ते नाममेगे मित्ते, अमित्ते नाममेगे अमित्ते; चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता० मित्ते नाममेगे मित्तरूवे चउभंगो । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- मुत्ते नाममेगे मत्ते, मत्ते नाममेगे अमत्ते-४ । चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- मुत्ते नाममेगे मुत्तरूवे मुत्ते नाममेगे अमुत्तरूवे-४ [३९८] पंचिंदियतिरिक्खजोणिया चउगईया चउआगईया प० तं०- पंचिदियतिरिक्खजोणिए पंचिदियतिरिक्खजोणिएस् उववज्जमाणे नेरइएहिंतो वा तिरिक्खजोणिएहिंतो वा मणुस्सेहिंतो वा देवेहितो वा उववज्जेज्जा, से चेव णं से पंचिदियतिरिक्खजोणिए पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्तं विप्पजहमाणे नेरइयत्ताए वा जाव देवत्ताए वा उवागच्छेज्जा, मणुस्सा चउगईया चउआगईआ, एवं चेवमणुस्सावि । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [74] [३-ठाणं]

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