Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: DeepratnasagarPage 71
________________ [३७१] चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता तं जहा- साले नाममेगे सालपरियाए साले नाममेगे एरंडपरियाए एरंडे नाममेगे सालपरियाए एरंडे नाममेगे एरंडपरियाए; एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा- साले नाममेगे सालपरियाए साले नाममेगे एरंडपरियाए-४ । चत्तारि रुक्खा पन्नत्ता तं जहा- साले नाममेगे सालपरिवारे, साले नाममेगे एरंडपरिवारे-४ | एवामेव चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा- साले नामेगे सालपरिवारे साले नाममेगे एरंडपरिवारे एरंडे-४ [३७२] सालदुममज्झयारे जह साले नाम होइ दुमराया । इय सुंदर आयरिए सुंदर सीसे मुणेयव्वे ।। [३७३] एरंडमज्झयारे जह साले नाम होइ दुमराया । ठाणं-४, उद्देसो-४ ___ इय सुंदरआयरिए मंगुलसीसे मुणेयव्वे ।। [३७४] सालदुममज्झयारे एरंडे नाम होइ दुमराया । ___ इय मंगुलआयरिए सुंदरीसीसे मुणेयव्वे ।। [३७५] एरंडमज्झयारे एरंडे नाम होइ दुमराया । ___ इय मंगुलआयरिए मंगुलसीसे मुणेयव्वे ।। [३७६] चत्तारि मच्छा पन्नत्ता तं जहा- अणुसोयचारी पडिसोयचारी अंतचारी मज्झचारी, एवमेव चत्तारि भिक्खागा पन्नत्ता तं जहा- अणुसोयचारी पडिसोयचारी अंतचारी मज्झचारी | चत्तारि गोला पन्नत्ता तं जहा- मधसित्थगोले जउगोले दारुगोले मट्टियागोले एवामेव चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- मधुसित्थगोलसमाणे-४ । चत्तारि गोला पन्नत्ता तं जहा- अयगोले तउगोले तंबगोले सीयगोले, एवामेव चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- अयगोलसमाणे जाव सीसगोलसमाणे । चत्तारि गोला पन्नत्ता तं जहा- हिरण्णगोले सवण्णगोले रयणगोले वयरगोले, एवामेव चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- हिरण्णगोलसमाणे जाव वयरगोलसमाणे । चत्तारि पत्ता पननत्ता तं जहा- असिपत्ते करपत्ते खुरपत्ते कलंबचीरियापत्ते एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- असिपत्तसमाणे जाव कलंबचीरियापत्तसमाणे । चत्तारि कडा पन्नत्ता तं जहा- संबकडे विदलकडे चम्मकडे कंबलकडे, एवामेव चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- संबकडसमाणे जाव कंबलकडसमाणे । [३७७] चउव्विहा चउप्पया पन्नत्ता तं जहा- एगखुरा दुखुरा गंडीपदा सणप्फया । चउव्विहा पक्खी पन्नत्ता तं जहा- चम्मपक्खी लोमपक्खी समग्गपक्खी विततपक्खी । चउव्विहा खुड्डपाणा पन्नत्ता तं जहा- बेइंदिया तेइंदिया चरिंदिया संमच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिया । [३७८] चत्तारि पक्खी पन्नत्ता तं जहा- निवतित्ता नाममेगे नो परिवइत्ता परिवइत्ता नाममेगे नो निवतित्ता एगे निवतित्तावि परिवइत्तावि एगे नो निवतित्ता नो परिवइत्ता; एवामेव चत्तारि भिक्खागा पन्नत्ता तं जहा- निवतित्ता नाममेगे नो परिवइत्ता परिवइत्ता नाममेगे नो निवतित्ता-४ । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [70] [३-ठाण]Page Navigation
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