Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: DeepratnasagarPage 63
________________ ठाणं-४, उद्देसो-३ आयरिया पन्नत्ता तं जहा- आमलगमहरफलसमाणे जाव खंडमहरफलसमाणे । चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- आतवेयावच्चकरे नाममेगे नो परवेयावच्चकरे, परवेयावच्चकरे नाममेगे नो आतवेयावच्चकरे, एगे आतवेयावच्चकरेवि परवेयावच्चकरेवि, एगे नो आतवेयावच्चकरे नो परवेयावच्चकरे; चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- करेति नाममेगे वेयावच्चं नो पडिच्छइ पडिच्छइ नाममेगे वेयावच्चं नो करेति-४; चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- अट्ठकरे नाममेगे नो माणकरे, माणकरे नाममेगे नो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरेवि माणकरेवि, एगे नो अट्ठकरे नो माणकरे; चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहागणट्ठकरे नाममेगे नो माणकरे-४; चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- गणसंगहकरे नाममेगे नो माणकरे-४; चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- गणसोभकरे नाममेगे नो माणकरे-४; __ चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- गणसोहिकरे नाममेगे नो माणकरे-४ | चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- रूवं नाममेगे जहति नो धम्म, धम्मं नाममेगे जहति नो रूवं, एगे रूवंपि जहति धम्मपि, एगे नो रूवं जहति नो धम्म; चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- धम्मं नाममेगे जहति नो गणसंठिति, गणसंठिति नाममेगे जहति नो धम्म-४ | चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- पियधम्मे नाममेगे नो दढधम्मे, दढधम्मे नाममेगे नो पियधम्मे, एगे पियधम्मे वि दढधम्मेवि, एगे नो पियधम्मे नो दढधम्मे; __चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा- पव्वावणारिए नाममेगे नो उवट्ठावणायरिए, उवट्ठावणायरिए नामेगे नो पव्वावणायरिए, एगे पव्वावणायरिएवि उवट्ठावणायरिएवि, एगे नो पव्वावणायरिए नो उवट्ठावणायरिए धम्मायरिए, चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा- उद्देसणायरिए नाममेगे नो वायणायरिए, वायणायरिए नाममेगे नो उद्देसणायरिए-४ । चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता तं जहा- पव्वयणंतेवासी नाममेगे नो उवट्ठाणंतेवासी-४धम्मंतेवासी, चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता तं जहा- उद्देसणंतेवासी नाममेगे नो वायणंतेवासी-४-धम्मंतेवासी । चत्तारि निग्गंथा पन्नत्ता तं जहा- रातिणिए समणए निग्गंथे महाकम्मे महाकिरिए अणायावी असमित्ते धम्मस्स अणाराधए भवति, रातिणिए समणे निग्गंथे अप्पकम्मे अप्पकिरिए आतावी समिए धम्मस्स आराहए भवति, ओमरातिणिए समणे निग्गंथे महाकम्मे महाकिरिए अणातावी असमिते धम्मस्स अणाराहए भवति, ओमरातिणिए समणे निग्गंथे अप्पकम्मे अप्पकिरिए आतावी समिते धम्मस्स आराहए भवति । चत्तारि निग्गंथीओ पन्नत्ताओ तं जहा- रातिणिया समणी निग्गंथी महाकम्मा महाकिरिया अणायावी असमिता धम्मस्स अणाराधिया भवति एवं चेव-४ । चत्तारि समणोवसगा पन्नत्ता तं जहा- राइणिए समणोवासए महाकम्मे महाकिरिए अमायावी असमिते धम्मस्स अणाराधए भवति तहेव-४ । चत्तारि समणोवासियाओ पन्नत्तो तं जहा- राइणिया समणोवासिता महाकम्मा महाकिरिया अणायावी असमिता तहेव चत्तारिगमा । [३४३] चत्तारि समणोवासगा पन्नत्ता तं जहा- अम्मापितिसमाणे भातिसमाणे मित्तसमाणे [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [62] [३-ठाण]Page Navigation
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