Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 62
________________ चत्तारि जाणा पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्तसोभे जुत्ते नाममेगे अजुत्तसोभे-४, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्तसोभे-४ । चत्तारि जुग्गा पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्ते जुत्ते नाममेगे अजुत्ते-४, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्न्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्ते-४ । एवं जधा जाणेण चत्तारि आलावगा तथा जुग्गेणवि, पडिपक्खो तहेव पुरिसजाता जाव सोभेति । चत्तारि सारही पन्नत्ता तं जहा- जोयावइत्ता णामं एगे नो विजोयावइत्ता, विजोयावइत्ता नाममेगे नो जोयावइत्ता, एगे जोयावइत्तावि विजोयावइत्तावि, एगे नो जोयावइत्ता नोविज्जोयावइत्ता; एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- जोयावइत्ता णामं एगे नो विजोयावइत्ता-४ । चत्तारि हया पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्ते, जुत्ते नाममेगे अजुत्ते-४ । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्ते - ४ । एवं जुत्तपरिणते, जुत्तरूवे, जुत्तसोभे सव्वेसिं पडिवक्खो पुरिस जाता । चत्तारि गया पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्ते जुत्ते नाममेगे अजुत्ते-४, एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- जुत्ते नाममेगे जुत्ते-४; एवं जहा हयाणं तहा गयाण वि भाणियव्वं, पडिवक्खो तहेव पुरिसजाया । चत्तारि जुग्गारिता पन्नत्ता तं जहा - पंथजाई नाममेगे नो उप्पहजाई, उप्पहजाई नाममेगे नो पंथजाई, एगे पंथजाईवि उप्पजाईवि, एगे नो पंथजाई नो उप्पहजाई; एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा - पंथजाई नाममेगे नो उप्पहजाई-४ । चत्तारि पुप्फा पन्नत्ता तं जहा- रुवसंपण्णे नाममेगे नो गंधसंपण्णे, गंधसंपण्णे नाममेगे नो रुवसंपण्णे, एगे रूवसंपण्णेवि गंधसंपण्णेवि, एगे नो रूवसंपण्णे नो गंधसंपण्णे; एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- रुवसंपण्णे नाममेगे नो सीलसंपण्णे -४ | चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- जातिसंपण्णे नाममेगे नो कुलसंपण्णे, कुलसंपण्णे नाममेगे नो जातिसंपण्णे-४, चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- जातिसंपण्णे नाममेगे नो बलसंपणे बलसंपण्णे नाममेगे नो जातिसंपण्णे- ४ । एवं जातीते रूवेण-४, चत्तारि आलावगा, एवं जातीते सुएण-४, एवं जातीते सीलेण-४, एवं जातीते चरित्तेण-४, एवं कुलेण बलेण-४, एवं कुलेण रूवेण-४, कुलेण सुतेण-४, कुलेण सीलेण-४, कुलेण चरित्तेण-४ । चत्तारि पुरिसजाया प० तं०- बलसंपन्ने नाम एगे नो रूवसंपन्ने-४, एवं बलेण सुतेण - ४, एवं बलेण सीलेण-४, एवं बलेण चरित्तेण - ४ । चत्तारि पुरिसजाया प० तं०- रूवसंपन्ने नाममेगे नो सुयसंपन्ने - ४, एवं रूवेण सीलेण-४, रूवेण चरित्तेण-४ । चत्तारि पुरिसजाया प० तं०- सुयसंपन्ने नाममेगे नो सीलसंपन्ने-४, एवं सुत्तेण चरित्तेण-४ । चत्तारि पुरिसजाया प० तं०- सीलसंपन्ने नाममेगे नो चरित्तसंपन्ने - ४ । एते एक्कवीसं भंगा भाणितव्वा । चत्तारि फला पन्नत्ता तं जहा- आमलगमहुरे मुद्दियामहुरे खीरमहुरे खंडमहुरे, एव चत्तारि [ मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः ] [61] [ ३-ठाणं]


Page Navigation
1 ... 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141