Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 30
________________ तावत्तीसगाणवि लोगपालाणं डेया पव्वा, एवं- अग्गमहिसीणवि, बलिस्सवि एवं चेव, जाव अग्गमहिसीणं । धरणस्स य सामाणिय-तायत्तीसगाणं च समिता चंडा जाता, लोगपालाणं अग्गमहिसीणंईसा तुडिया दढरहा जहा धरणस्स तहा सेसाणं भवणवासीणं, कालस्स णं पिसाइंदस्स पिसायरण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओ तं जहा- ईसा तुडिया दढरहा एवं- सामाणिया-अग्गमहिसीणं, एवं जाव गीयरतिगीयजसाणं, चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओ तं जहा- तुंबा तुडिया पव्वा एवं- सामाणिय अग्गमहिसीणं, एवं- सूरस्सवि । सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओ तं जहा- समिता चंडा जाया, एवं जहा चमरस्स जाव अग्गमहिसीणं, एवं जाव अच्चतस्स लोगपालाणं । [१६३] तओ जामा पण्णत्ता तं जहा- पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे, तिहिं जामेहिं आया केवलिपण्णत्तं धम्मे लभेज्ज सवणयाए तं जहा- पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे | एवं जाव केवलनाणं उप्पाडेज्जा तं जहा- पढमे जामे मज्झिमे जामे पच्छिमे जामे। तओ वया पण्णत्ता तं जहा- पढमे वए मज्झिमे वए पच्छिमे वए, तिहिं वएहिं आया केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए तं जहा- पढमे वए मज्झिमे वए पच्छिमे वए, एसो चेव गमो नेयव्वो, जाव केवलनाणंति । [१६४] तिविहा बोधी पण्णत्ता तं जहा- नाणबोधी दंसणबोधी चरित्तबोधी, तिविहा बुद्धा पण्णत्ता तं जहा- नाणबुद्धा दंसणबुद्धा चरित्तबुद्धा, एवं मोहे, एवं मूढा। [१६५] तिविहा पव्वज्जा पण्णत्ता तं०- इहलोगपडिबद्धा परलोगपडिबद्धा दुहतो पडिबद्धा, तिविहा पव्वज्जा पन्नत्ता तं जहा- पुरतोपडिबद्धा मग्गतोपडिबद्धा दुहओ पडिबद्धा, तिविहा पव्वज्जा पण्णत्ता तं जहा- त्यावइत्ता प्यावइत्ता बुआवइत्ता, तिविहा पव्वज्जा पन्नत्ता तं जहा- ओवातपव्वज्जा अक्खातपव्वज्जा संगारपव्वज्जा । [१६६] तओ नियंठा नोसण्णोवउत्ता प० तं० जहा- पुलाए नियंठे सिणाए, तओ नियंठा सण्ण-नोसण्णोवउत्ता पन्नत्ता तं जहा बउसे पडिसेवणा कुसीले कसायकुसीले । ___[१६७] तओ सेहभूमीओ पन्नत्ताओ तं जहा- उक्कोसा मज्झिमा जहण्णा, उक्कोसा छम्मासा मज्झिमा चउमासा जहण्णा सत्तराईदिया । तओ थेरभूमीओ पन्नत्ताओ तं जहा- जातिथेरे सुयथेरे परियायथेरे, सद्विवासजाए समणे ठाणं-३, उद्देसो-२ निग्गंथे जातिथेरे, ठाणसमवायधरे णं समणे निग्गंथे सुयथेरे, वीसवासपरियाए णं समणे निग्गंथे परियायथेरे । ___[१६८] तओ पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा- सुमणे दुम्मणे नोसुमणे-नोदुम्मणे, तओ परिसजाया पन्नत्ता तं जहा- गंता नामेगे सुमणे भवति, गंता नामेगे दुम्मणे भवंति, गंता नामेगे नोसमणे-नोदुम्मणे भवंति, [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [29] [३-ठाण]

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