Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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[२११] जंबद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं तओ अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ तं जहा- हेमवते हरिवासे देवकुरा, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं तओ अकम्मूमीओ पन्नत्ताओ तं जहा- उत्तरकुरा रम्मगवासे हेरण्णवए ।
जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं तओ वासा पन्नत्ता तं जहा- भरहे हेमवए हरिवासे, जंबद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं तओ वासा पन्नत्ता तं जहा रम्मगवासे हेरण्णवते एरवए । ठाणं-३, उद्देसो-४
जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं तओ वासहरपव्वता पन्नत्ता तं जहाचूल्लहिमवंते महाहिमवंते निसढे, जंबद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं तओ वासहरपव्वत्ता पन्नत्ता तं जहा- नीलवंते रुप्पी सिहरी
जंबद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयरस दाहिणे णं तओ महादहा पन्नत्ता तं जहा- पउमदहे महापउ-मदहे तिगिंछदहे, तत्थ णं तओ देवताओ महिइढियाओ जाव पलिओवमद्वितीयाओ परिवति तं जहा- सिरी हिरी धिती, एवं- उत्तरेणवि नवरं- केसरिदहे महापोंडरीयदहे पोंडरीयदहे, देवताओ-कित्ती बुद्धी लच्छी ।
जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं चुल्लहिमवंताओ वासधरपव्वताओ पउमदहाओ महादहाओ तओ महानदीओ पवहति तं जहा- गंगा सिंधू रोहितंसा, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे गं सिहरीओ वासहरपव्वताओ पोंडरीयद्दहाओ महादहाओ तओ महानदीओ पवहति तं जहा- सुवण्णकूला रत्ता रत्तवती ।
जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महानदीए उत्तरे णं तओ अंतरनदीओ पन्नत्ताओ तं जहा- गाहावती दहवती पंकवती, जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महानदीए दाहिणेणं तओ अंतरनदीओ पन्नत्ताओ तं जहा- तत्तजला मत्तजला उम्मत्तजला जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं-सीतोदाए महानदीए दाहिणे णं तओ अंतरनदीओ पन्नत्ताओ तं जहाखीरोदा सीहसोता अंतोवाहिणी, जंबद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे नं सीतोदाए महानदीए उत्तरे णं तओ अंतरनदीओ पन्नत्ताओ तं जहा- उम्मिमालिणी फेणमालिणी गंभीरमालिणी ।
___ एवं- घायइसंडे दीवे पुरत्थिमद्धेवि अकम्मभूमीओ आढवेत्ता जाव अंतरनदीओत्ति निरवसेसं भाणियव्वं जाव पक्खरवरदीवड्ढपच्चत्थिमद्धे तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं ।
[२१२] तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीए चलेज्जा तं जहा- अहे णं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उराला पोग्गला णिवतेज्जा, तते णं उराला पोग्गला णिवतमाणा देसं पुढवीए चालेज्जा, महोरगे वा महिड्ढीए जाव महेसक्खे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे उम्मज्ज-णिमज्जियं करेमाणे देसं पुढवीए चलेज्जा, नागसवण्णाण वा संगामंसि वट्टमाणंसि देसं देसे पुढवीए चलेज्जा, इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीए चलेज्जा ।
तिहिं ठाणेहिं केवलकप्पा पुढवी चलेज्जा तं जहा- अधे णं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणवाते गप्पेज्जा तए णं से घणवाते गविते समाणे घणोदहिमेएज्जा, तए णं से घणोदही एइए समाणे केवलकप्पं पढविं चालेज्जा, देवे वा महिइढिए जाव महेसक्खे तहारूवस्स समणस्स माहणस्स वा इइडिं
[मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:]
[37]
[३-ठाणं]
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