Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 36
________________ पडिगाहेत्तए तओ पाणगस्स, एगरातियं भिक्खपडिमं सम्म अणणपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा अहिताए असभाए अखमाए अणिस्सेयसाए अणाणगमियत्ताए भवंति तं जहा- उम्मायं वा लभिज्जा दीहकालियं वा रोगातंकं पाउणेज्जा केवलिपन्नत्ताओ वा धम्माओ भंसेज्जा, एगरातियं भिक्खुपडिमं सम्म अणपालेमाणस्स अणगारस्स तओ ठाणा हिताए सभाए खमाए णिस्सेसाए आणगामियत्ताए भवंति तं जहा- ओहिनाणे वा से समुप्पज्जेज्जा मणपज्जवनाणे वा से समुप्पज्जेज्जा केवलनाणे वा से समुप्पज्जेज्जा । [१९६] जंबुद्दीवे दीवे तओ कम्मभूमीओ पन्नत्ताओ तं जहा- भरहे एरवए महाविदेहे, एवंघायइसंडे दीवे पुरत्थिमद्धे जाव पुक्खरवरदीवड्ढपच्चत्यिमद्धे । [१९७] तिविहे दंसणे पण्णत्ते तं जहा- सम्मइंसणे मिच्छइंसणे सम्मामिच्छइंसणे, तिविहा रुई पन्नत्ता तं जहा- सम्मरुई मिच्छरुई सम्मामिच्छरुई, तिविधे पओगे पण्णत्ते तं जहा- सम्मपओगे मिच्छपओगे सम्मामिच्छपओगे । [१९८] तिविहे ववसाए पण्णत्ते तं जहा- धम्मिए ववसाए अधम्मिए ववसाए धम्मियाधम्मिए ववसाए, अहवा-तिविधे ववसाए पण्णत्ते तं जहा- पच्चक्खे पच्चइए आणुगामिए, अहवातिविधे ववसाए पण्णते तं जहा- इहलोइए परलोइए इहलोइयपरलोइए, इहलोइए ववसाए तिविहे पण्णत्ते तं जहा- लोइए वेइए सामइए, लोइए ववसाए तिविधे पण्णत्ते तं जहा- अत्थे धम्मे कामे, वेइए ववसाए तिविधे पण्णत्ते तं जहा- रिउव्वेदे जउव्वेदे सामवेदे, सामइए ववसाए तिविधे पण्णत्ते तं जहा- नाणे दंसणे चरित्ते, तिविधा अत्थजोणी पन्नत्ता तं जहा- सामे दंडे भेदे । [१९९] तिविहा पोग्गला पन्नत्ता तं जहा- पओगपरिणता मीसापरिणता वीससापरिणता, तिपतिट्ठिया नरगा पन्नत्ता तं जहा- पुढविपतिट्ठिया आगासपतिट्ठिया आयपइट्ठिया, नेगम-संगह-ववहाराणं पढविपतिट्टिया उज्जुस्तस्स आगासपतिट्ठिया तिण्हं सद्दणयाणं आयपतिट्ठिया । [२००] तिविधे मिच्छत्ते पण्णत्ते तं जहा- अकिरिया अविणए अन्नाणे, अकिरिया तिविधा पन्नत्ता तं जहा- पओगकिरिया समदाणकिरिया अन्नाणकिरिया, पओगकिरिया तिविधा पन्नत्ता तं जहामणपओगकिरिया वइपओगकिरिया कायपओगोकिरिया, समुदाणकिरिया तिविधा पन्नत्ता तं जहा- अणंतरसमुदाणकिरिया परंपरसमुदाणकिरिया तदुभयसमुदाणकिरिया, अन्नाणकिरिया तिविधा पन्नत्ता तं जहामतिअन्नाणकिरिया सुतअन्नाणकिरिया विभंगअन्नाणकिरिया, अविणए तिविहे पण्णत्ते तं जहा- देसच्चाई निरालंबणता नानापेज्जदोसे, अन्नाणे तिविधे पण्णते तं जहा- देसन्नाणे सव्वन्नाणे भावन्नाणे । [२०१] तिविहे धम्मे पण्णत्ते तं जहा- सुयधम्मे चरित्तधम्मे अत्थिकायधम्मे, तिविधे उवक्कमे पण्णत्ते तं जहा- धम्मिए उवक्कमे अधम्मिए उवक्कमे धम्मियाधम्मिए उवक्कमे, अहवातिविधे उवक्कमे पण्णत्ते तं जहा- आओवक्कमे परोवक्कमे तद्भयोवक्कमे, एवं वेयावच्चे, अणग्गहे, अणसट्ठी, उवालंभे, एवमेक्केक्के तिन्नि तिन्न आलावगा जहेव उवक्कमे । [२०२] तिविहा कहा पन्नत्ता तं जहा- अत्थकहा धम्मकहा कामकहा, तिविहे विणिच्छए पण्णत्ते तं जहा- अत्थविणिच्छए धम्मविणिच्छए कामविणिच्छए । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [35] [३-ठाण]

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