Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 35
________________ तिहिं ठाणेहिं देवे उव्वेगमागच्छेज्जा तं जहा - अहो णं मए इमाओ एतारूवाओ दिव्वाओ देविड्ढीओ दिव्वाओ देवजुतीओ दिव्वाओ देवाणुभावाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमण्णागताओ चइयव्वं भविस्सति, अहो णं मए माउओयं पिउसुक्कं तं तदुभयसंसट्टं तप्पढमयाए आहारो आयारेयव्वो भविस्सति, अहो णं मए कलमल- जंबालाए असुइए उव्वेयणियाए भीमाए गब्भवसहीए वसियव्वं भविस्सइ इच्चे हिं तिहिं ठाणेहिं देवे उव्वेगमागच्छेज्जा । [१९३] तिसंठिया विमाणा पन्नत्तां तं जहा- वट्टा तसा चउरंसा, तत्थ णं जे ते वट्टा विमाणा ते णं पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिया सव्वओ समंता पागार - परिक्खित्ता एगदुवारा पन्नत्ता, तत्थ णं जे ते तसा विमाणा ते णं सिंघाडगसंठाणसंठिया दुहतो पागारपरिक्खित्ता एगतो वेइया परिक्खित्ता तिदुवारा पन्नत्ता, तत्थ णं जे ते चउरंसा विमाणा ते णं अक्खाडगसंठाणसंठिया सव्वतो समंता वेड्यापरिक्खित्ता चउदुवारा पन्नत्ता । तिपतिट्ठिया विमाणा पन्नत्ता तं जहा- घणोदधिपतिट्ठिता घणवातपइट्ठिता ओवासंतपइट्ठिता, तिविधा विमाणा पन्नत्ता तं जहा- अवट्ठिता वेउव्विता पारिजाणिया । [१९४] तिविधा नेरइया पन्नत्ता तं जहा- सम्मादिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छा-दिट्ठी, एवंविगलिंदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । तओ दुग्गतीओ पन्नत्ताओ तं० नेरइयदुग्गतो तिरिक्खजोणियदुग्गती मणुयदुग्गी । ओ सुगतीओ पन्नत्ताओ तं जहा- सिद्धसोगती देवसोगती मणुस्ससोगती । तओ दुग्गता पन्नत्ता तं जहा- नेरइयदुग्गता तिरिक्खजोणियदुग्गता मणुस्सदुग्गता, ओ सुगता पन्नत्ता तं जहा- सिद्धसोगता देवसुग्गता मणुस्ससुग्गता । [१९५] चउत्थभत्तियस्स णं भिक्खुस्सं कप्पंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए तं जहाउस्सेइमे संसेइमे चाउलधोवणे, छट्ठभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए तं जहातिलोदए तुसोदए जोवदए, अट्ठमभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए तं जहाआयामए सोवीरए सुद्धवियडे | तिविहे उवहडे पण्णत्ते तं जहा- फलिओवहडे सुद्धोवहडे संसट्ठोवहडे, तिविहे ओग्गहिते पण्णत्ते तं जहा- जं च ओगण्हति जं च साहरति जं च आसगंसि पक्खिवति, तिविधा ओमोयरिया पन्नत्ता तं जहा- उवगरणोमोयरिया भत्तपाणोमोदरिया भावोमोदरिया । उवगरणोमोदरिया तिविहा पन्नत्ता तं जहा- एगे वत्थे एगे पाते चियत्तोवहि-साइज्जणया, तओ ठाणा निग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहियाए असुभाए अखमाए अणिस्सेसा अणाणुगामियत्ताए भवंति तं जहा- कूअणता कक्करणता अवज्झाणता, तओ ठाणा निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा हिताए सुहाए खमाए णिस्सेसाए आणुगामिअत्ताए भवंति तं जहा- अकूअणता अक्करणता अणवज्झाणता । तओ सल्ला पन्नत्ता तं जहा- मायासल्ले नियाणसल्ले मिच्छादंसणसल्ले, तिहिं ठाणेहिं समणे निग्गंथे संखित्त - विउलतेउलेस्से भवति तं जहा आयावणताए खंतिखमाए अपाणगेणं तवोकम्मेणं, तिमासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पंति तओ दत्तीओए भोअस्स ठाणं-३, उद्देसो-३ [ मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः ] [34] [ ३-ठाणं]

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