Book Title: Agam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: DeepratnasagarPage 23
________________ [१२४] दोस् कप्पेस् देवा कायपरियारगा पण्णत्ता तं जहा- सोहम्मे चेव ईसाणे चेव, दोस् कप्पेसु देवा फासपरियारगा पण्णत्ता तं जहा- सणंकुमारे चेव माहिंदे चेव, दोसु कप्पेसु देवा रूवपरियारगा पण्णत्ता तं जहा- बंभलोगे चेव लंतगे चेव, दोस् कप्पेस् देवा सद्दपरियारगा पण्णत्ता तं जहा- महासुक्के चेव सहस्सारे चेव, दो इंदा मणपरियारगा पण्णत्ता तं जहा- पाणए चेव अच्चए चेव । [१२५] जीवा णं दुट्ठाणणिव्वत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं जहा- तसकायणिव्वत्तिए चेव थावरकायणिव्वत्तिए चेव, एवं उवचिणिंसु वा उवचिणंति वा उवचि-णिस्संति वा, बंधिसु वा बंधेति वा बंधिस्संति वा, उदीरिंसु वा उदीरेंति वा उदीरिस्संति वा, वेटेंसु वा वेदेति वा वेदिस्संति वा, निज्जरिंस वा निज्जरेंति वा निज्जरिस्संति वा । [१२६] दुपएसिया खंधा अनंता पण्णत्ता, दुपदेसोगाढा पोग्गला अनंता पण्णत्ता, एवं जाव दुगुणलक्खा पोग्गला अनंता पण्णत्ता | • बीए ठाणे चउत्थो उद्देसो समत्तो . 0 बीअं ठाणं समत्तं ० मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च बीअं ठाणं समत्तं . [] तइयं-ठाणं । 0 पढमो-उद्देसो 0 [१२७] तओ इंदा पण्णत्ता तं जहा- नामिंदे ठवणिंदे दव्विंदे, तओ इंदा पण्णत्ता तं जहाठाणं-३, उद्देसो-१ नाणिंदे दंसणिंदे चरित्तिंदे, तओ इंदा पण्णत्ता तं जहा- देविंदे असुरिंदे मणुस्सिंदे । [१२८] तिविहा विकव्वणा पण्णत्ता तं जहा- बाहिरए पोग्गलए परियादित्ता एगा विकव्वणा बाहिरए पोग्गले अपरियादित्ता एगा विकव्वणा बाहिरए पोग्गले परियादित्तावि अपरियादित्तावि एगा विकव्वणा, तिविहा विकव्वणा पण्णत्ता तं जहा- अब्भंतरए पोग्गले परियादित्ता एगा विकव्वणा अब्भंतरए पोग्गले अपरियादित्ता विएगा विकव्वणा अब्भंतरए पोग्गले परियादित्तावि अपरियादित्तावि एगा विकुव्वणा, तिविहा विकव्वणा प० तं० जहा-बाहिरब्भंतरए पोग्गले परियादित्ता एगा विकव्वणा बाहिरब्भंतरए पोग्गले अपरियादित्ता एगा विकव्वणा बाहिरब्भंतरए पोग्गले परियादित्तावि अपरियादित्तावि एगा विकव्वणा । ___ [१२९] तिविहा नेरइया पण्णत्ता तं जहा- कतिसंचित्ता अकतिसंचिता अवत्तव्वगसंचिता, एवमेगिंदियवज्जा जाव वेमाणिया । [१३०] तिविहा परियारणा पण्णत्ता तं जहा- एगे देवे अण्णे देवे अण्णेसिं देवाणं देवीओ य अभिजंजिय-अभिजंजिय परियारेति अप्पणिज्जिआओ देवीओ अभिजंजिय अभिजंजिय परियारेति अप्पाणमेव अप्पणा विउव्विय-विउव्विय परियारेति, एगे देवे नो अण्णे देवे नो अण्णेसिं देवाणं देवीओ अभिमुंजिय-अभिमुंजिय परियारेति अत्तणिज्जिताओ देवीओ अभिमुंजिय-अभिजुजंजिय परियारेति अप्पाणमेव अप्पणा विउव्विय-विउव्विय परियारेति, एगे देवे नो अण्णे देवे नो अण्णेसिं देवाणं देवीओ [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [22] [३-ठाण]Page Navigation
1 ... 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141