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सदस्य थे चोरी नहीं धन उनका भापारा. उपभोग स्पाइजै.
पछ पंकि
अशुद्ध मदस्थ
चोरी नहीं नहीं २३१ २२
क्न २३५ १२ उनका ही
091110 उपयोग साइजै. ऐहि. एण्टिओकस
डेओनीसे उसकी २५३
अशोकके
इन २५९
पारलौकिकक २२ Js. Pts. Id II २६३ १४
पापकी २६४९
परायणके
ऐप
एण्टकसने डेओनीसी उसकी अशोक
२५७
पारलौकिक Js. Pts I & II
अशोककी पापकी परायण
१८
"
पृष्ठ २६९ के फुटनोटका पहला श्लोक यहां पढ़ें । कम्मिन
रुक्मिन
२८२ २८९
इन
शिलालेख उजनी
शिलालेख उनके राज्यके
उजैनी
२९७
.
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| "जैविजय" प्रिन्टिंग प्रेस, खपाटिया चकला-सूरत-में ___ मूलचन्द किसनदास कापड़ियाने मुद्रित किया।
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