________________
पहिला परिच्छेद ।
1.
( 3 ) पूर्व प्रदेश – खड्ग, मानवर्तिक, मलद आदि ।
(५) दक्षिण प्रदेश = बाणमुक्त, वैदर्भ, माणव, सककापरि. मूलक, अश्मक. दांडिक, आसिक. नवराष्ट्र, महिषक आदि ।
( ६ ) विंध्याचल पृष्टभाग - दशार्णव. किष्किंध, त्रिपुरावर्त नैषध, वैदिश, अन्तप आदि ।
आंगारक. पौंड्र, मलप्रवक, बंग, मगध,
[ ४३
जैन इतिहास में उपरोल्लिखित नगरोंके अतिरिक्त प्राचीन नग
I
रोका वर्णन साधारणतया इस प्रकार समझना चाहिए:
w
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
अयोध्या, वा विनीता वा साकेता=अयोध्या फैजाबाद के निकट । श्रावस्ती = अयोध्या के निकट है ।
चन्द्रपुरी । सिंहपुरी
बनारस के निकट है ।
चम्पापुरी - वर्तमान भागलपुर के निकट | भगवान महावीर के समयमें यहां राजा श्रेणिक बिम्बसारके पुत्र कुणिकका राज्य था । यहीं भगवान वासुपूज्यका जन्म हुआ था ।
कम्पिल्ला = जिला फरुखाबाद में कायमगंजके निकट | रत्नपुरी = फैजाबाद के पास है ।
सौरीपुर वा द्वारिका - द्वारिका ।
कुण्डलपुर - वर्तमान में इसका ठीक स्थान ज्ञात नहीं है । हस्तिनापुर - हस्तिनापुर |
पावापुरी = बिहार से दक्षिणकी ओर ७ मील पर ।
•
www.umaragyanbhandar.com