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प्रतिष्ठा उपयोगी विधियों का प्रचलित स्वरूप ...299 'अत्र तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा' फिर निम्न मंत्र से बुध ग्रह की अष्ट प्रकारी पूजा करें। 1. ॐ नमः बुधाय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय चन्दनं समर्पयामि
स्वाहा -वासचूर्ण से पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -चंपक वृक्ष के पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -नीला वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा -नारंगी और सीताफल चढ़ायें। 5. धूपमाघ्रापयामि स्वाहा -धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीप दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -मूंग की दाल का लड्डु चढ़ायें। 8. अक्षतं ताम्बूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा- पान, अक्षत,
सुपारी, पैसा आदि चढ़ायें। फिर केरबे की नीली माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें।
ॐ बुधाय नमः फिर निम्न मंत्र को तीन बार कहते हुए तीन बार बुध ग्रह को अर्घ्य दें
ॐ नमो बुधाय श्रीँ श्रीं श्रः द्रः स्वाहा। फिर अन्त में दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
विमलानन्तधर्माराः, : शान्तिः कुन्थुर्नमिस्तथा।
महावीरश्च तन्नाम्ना, शुभो भव सदा बुध ।। 5. गुरु पूजन
सर्वप्रथम निम्न मन्त्र बोलकर अक्षत एवं सुगन्धित पुष्प से गुरु ग्रह को बधायें।
ॐ माँ गी गूं बृहस्पतये सुरपूज्याय नमः स्वाहा। उसके बाद श्वेत चंदन से गुरु का आलेखन करें फिर निम्न मंत्र से गुरू का आह्वान करें।
ॐ नमो बृहस्पतये सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय
अमुकगृहे वृद्धस्नात्र महोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से गुरु की स्थापना करें।