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306... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन 1. चन्दनं समर्पयामि स्वाहा -केसर अथवा वासचूर्ण से पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -चंपा के पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -पीला वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा -पीली मौसंबी चढ़ायें। 5. धूपमाघ्रापयामि स्वाहा -धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीपक दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -मोतीचूर का लड्ड चढ़ायें।
फिर केरबा अथवा पीले सूत की माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें।
ॐ हीं इन्द्राय नमः फिर तीन बार निम्न मंत्र कहते हुए इन्द्र देव को तीन बार अर्घ्य दें।
ॐ ह्रीं आँ हाँ हूँ हाँ अँ हूँ क्षः वज्राधिपतये इन्द्र संवौषट् (स्वाहा)। फिर दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
ऐरावतसमारूढः, शक्रः पूर्व दिशि स्थितः।
संघस्य शान्तये सोऽस्तु, बलिपूजां प्रतीच्छतु ।। 2. अग्नि पूजा
सर्वप्रथम आग्नेय कोण के अधिपति अग्नि को अक्षत एवं सुगन्धित पुष्प चढ़ाते हुए बधायें
_____ॐ ह्रीं रें रों रूँ रै रौं रः अग्नि संवौषट् (स्वाहा) तत्पश्चात लाल चंदन से अग्नि देव का आलेखन करेंफिर निम्न मंत्र से अग्नि देव का आह्वान करें
ॐ नमोऽग्निमूर्तये शक्तिहस्ताय मेषवाहनाय सपरिजनाय जिनबिम्ब प्रतिष्ठामहोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से अग्नि देव की स्थापना करें
अत्र तिष्ठ-तिष्ठ स्वाहा फिर निम्न मंत्रों से अग्नि देव की अष्ट प्रकारी पूजा करें1. चन्दनं समर्पयामि स्वाहा -केसर से पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -जासुद का पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -लाल कपड़ा चढ़ायें।