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प्रतिष्ठा सम्बन्धी मुख्य विधियों का बहुपक्षीय अध्ययन ... 509
(पुड़िया) पृथक-पृथक रखी जाती थी। उसके पश्चात 360 क्रयाणकों की एक साथ पुटिका बनाकर रखने की प्रवृत्ति प्रारम्भ हुई, जो आज भी प्रवर्तित है। आचारदिनकर के अनुसार क्रयाणकों की नाम सूची इस प्रकार है
मदनादिगण
24. पिप्पली- अश्वत्थ नाम का
वृक्ष
1. मदन फल- मींढल
2. मधुयष्ठि - जेठी मध की लकड़ी
3. तुम्बी - तुंबड़ी की बेल
4. निम्ब - नीम का वृक्ष
5. बिम्बी - गिलोडा की बेल
6. महानिम्ब - नीम का बड़ा वृक्ष 7. इन्द्रवारुणी
8. स्थूलेन्द्र वारूणी
9. कर्कटी - ककड़ी की बेल
10. कुटज - एक प्रकार का वृक्ष 11. इन्द्रजव - कूटज वृक्ष के कड़वे
बीज
12. देवदाली - कुकड बेल
13. विडंग फल
14. वेतस - नेतर का वृक्ष
15. निचुल
16. चित्रक - काली छाल का वृक्ष 17. दन्ती - एक प्रकार की औषधि
18. चित्रकरक्त- रक्त छाल का वृक्ष 19. उन्दरकर्णी
20. कोशाती
21. राजकोशातकी
22. करंज- करंज नाम का वृक्ष 23. चिरबिल्ल
25. पिप्पलीमूल- पीपरामूल
26. सैंधव - पंजाब का नमक 27. सौवर्चल - लाल नमक 28. चिर बिल्ली
29. कृष्ण सौवर्चल- काला नमक 30. बिडलवण - इस नाम से प्रसिद्ध नमक की एक जाति
31. पाक्य लवण- पाँच प्रकार के नमक में से एक
32. समुद्रलवण - समुद्र का नमक 33. रोमक लवण - विदेशी नमक 34. सर्जिका - साजी का खार 35. वचा - घोड़ा बच (उग्र गंधा) 36.
क्षुप्रैला - छोटी इलायची
37. एला - मध्यम इलायची
38. बृहदेला - मोटी इलायची 39. त्रुटि
40. यवक्षार
41. महात्रुटि
42. सर्षप - पीली सरसों
43. आसुरी - राई
44. कृष्ण सर्षप - काली सरसों कुम्भादिगण
1. कुम्भ