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१३ प्रस्तुतीकरण
अनुभुति और संवेदना हर किसी के पास होती है, पर हर कोई कवि और लेखक नहीं बन सकता ! विचार
और भाव सभी के पास होते हैं, किंतु वक्ता सब नहीं बन सकते ! जिसके पास अनुभूति को प्रस्तुत करने की कला होती है, भावों को अभिव्यक्ति देने का चातुर्य होता है, वह छोटी-सी वस्तु को भी महत्वपूर्ण रूप प्रदान कर सकता है।
एक कलाकार किसी पहाड़ी प्रदेश में भ्रमण कर रहा था। आदिवासी लोगों के बीच घूमते हुए उसने एक घर के सामने एक विशाल प्रतिमा औंधी पड़ी हुई देखी। वह किसी प्राचीन कलाकार की प्रतिमा थी, पर वहाँ के लोग उसे एक बेडोल पत्थर के सिवाय कुछ नहीं समझते थे।
कलाकारने उस घर मालिक से कहा-'आप यह पत्थर हमें बेच दीजिए।' घर मालिक ने कहा-'इस पत्थर का भी कोई मूल्य है, ले जाओ! यहाँ तो बहुत पत्थर पड़े हैं।"
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