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१५ सोना या जागना ?
लगभग पच्चीस-सौ वर्ष पूर्व की घटना है। भगवान महावीर एक बार कौशाम्बी में पधारे । कौशाम्बी नरेश उदयन की बुआ तत्त्वज्ञा जयंती ने भगवान से-एक विचित्र प्रश्न किया - "भंते ! सोना अच्छा है, या जागना ?" प्रश्न का समाधान देते हुए प्रभु महावीर ने कहा
अत्थेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्त साह अत्थेगइयाणं जीवाणं जागरियत्त साहू
-भगवती सूत्र १२१२ कुछ प्राणियों का ( जो कि अधार्मिक हैं) सोते रहना अच्छा है, और कुछ प्राणियों का (जो धार्मिक हैं) जागते रहना अच्छा है। ___इसी उत्तर के प्रकाश में अब देखिए सातसौ वर्ष पूर्व के ईरानी तत्त्ववेत्ता सादी का एक अपना संस्मरणउसने लिखा है-मैंने एक अन्यायी और जोर जुल्म
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