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स्वर्ग से भी ऊँचा
हजारों वर्ष पहले महाभारत काल के महान् नीतिवेत्ता विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा था
द्वाविमौ पुरुषौ राजन् ! स्वर्गस्योपरि तिष्ठतः । प्रभुश्च क्षमयायुक्तो दरिद्रश्च प्रदानवान् ! - महाभारत उद्योगपर्व ३३।५८
'राजन् ! दो प्रकार के पुरुष स्वर्ग के भी ऊपर स्थान पाते हैं। उनकी महानता अपरिमेय होती है ।'
धृतराष्ट्र ने पूछा - ' वे कौन से दो पुरुष ?' विदुर ने कहा- शक्तिशाली होने पर भी क्षमा करने वाला, और निर्धन होने पर भी दान देने वाला ।
क्षमा वही कर सकता है, जिसका हृदय उदार और विशाल होता है । एक प्रसिद्ध दोहा है
ओछन को उत्पात ।
क्षमा बड़न को होत है, कहा विष्णु को घट गयो, जो भृगु मारी लात |
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