Book Title: Pratidhwani
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 202
________________ ६६ भामाशाह का त्याग संसार में धन का मोह सबसे बड़ा है । धन के लिए अनेक युद्ध एवं संघर्ष होते रहे हैं । धन का त्याग करने वाला - इसलिए महान माना गया है, चूंकि वह अपनी दुर्दान्त इच्छा और तृष्णा का दमन करके धन का विर्सजन करता है, और उसे देश एवं समाज के हित में लगाता है । भारतीय इतिहास में दानवीर भामाशाह का नाम इसीलिए आज भी अमर है, कि उन्होंने देश की स्वतंत्रता के कठिन संघर्ष में राणाप्रताप को जो उदार सहयोग कर देशभक्ति एवं अपूर्वत्याग का परिचय दिया, वह वस्तुतः ही महान् था । भारतेन्दु हरिचन्द्र ने के इस अपूर्व त्याग के सम्बन्ध में कहा है भामाशाह जा धन के हित नारि तजै पति पुत तजै पितु शीलहि खोई । १८३ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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