________________
२६
झंडा और पर्दा
भगवान महावीर का एक नीतिवचन हैमाणेण अहमा गई
अहंकार से अधोगति होती है । संसार में ऐसी कौन सी विपत्ति है, जो अहंकार से नहीं आती ! अर्थात् समस्त विपत्तियों का, दुःखों का मूल अहंकार है । आचार्य शय्यंभव का वचन है
विवत्ती अविणीयस्स संपत्ति विणियस्स य
-उत्तराध्ययन
८७
- दशवं ० हारा२२
अहंकारी को विपत्ति और विनम्र को संपत्ति मिलती है । इसलिए तो महर्षि वशिष्ठ ने अहंकार को जगत् के समस्त दुःखों का बीज बताया है
अहमर्थो जगद् बीजम्
- योगवाशिष्ट ४|३६
Jain Education Internationa For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org