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प्रतिध्वनि
अपेक्षा मेरा मर जाना ही ठीक है ।" उसने लड़के को सम्मान और प्यार देकर अपने पास रख लिया । और धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य सुधर गया ।
वास्तव में दूसरे के दुख को अपने दुख के समान समझना ही सच्ची करुणा है ।
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