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प्रज्ञापनासूत्रे गौतम ! पर्याप्तकेभ्य उपपद्यन्ते, नो अपर्याप्तकेभ्य उपपद्यन्ते, यदि पर्याप्तकसंख्येयवर्पायुष्कर्मभूमिगेभ्य उपपद्यन्ते किं स्त्रीभ्य उपपद्यन्ते, पुरुषेभ्य उपपधन्ते, नपुंसकेभ्य उपपद्यन्ते ? गौतम ! स्त्रीरय उपपद्यन्ते, पुरुषेभ्यः उपपद्यन्ते, नपुंसकेभ्योऽपि उपपद्यन्ते, अधःसप्तमपृथिवीनैरयिका खलु भदन्त ! केभ्य हैं, असंख्यात वर्ष की आयु वालों से नहीं उत्पन्न होते हैं। (जइ संखेज्जवासाउएहितो उववज्जंति) यदि संख्यात वर्ष की आयु वालों से उपन्न होते हैं (किं पज्जत्तएहिंतो उववज्जति, अपज्जत्तएहिंतो उववज्जति) क्या पर्याप्तकों से उतपन्न होते हैं या अपर्याप्तकों से उत्पन्न होते हैं ? (गोयमा ! पज्जत्तएहिंतो उववज्जति, नो अपज्जत्तएहितो उववज्जंति) हे गौतम ! पर्याप्तकों से उत्पन्न होते हैं, अपर्याप्तकों से नहीं उत्पन्न होते।
(जइ पज्जत्तग संखेज्जवासाउयकम्मभूमिएहिंतो उववज्जति) यदि पर्याप्तक, संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिजों से उत्पन्न होते हैं। (किं इथिएहितो उववज्जंति?) क्या स्त्रियों से उत्पन्न होते हैं ? (पुरिसेहितो उववज्जति) पुरुषों से उपन्न होते हैं ? (नपुंसएहितो उववज्जति) नपुंसकों से उत्पन्न होते हैं ? (गोथमा ! इत्थीहिंतो उववज्जति) हे गौतम ! स्त्रियों से उत्पन्न होते हैं। (पुरिसेहितो उववज्जंति ?) पुरुषों से उत्पन्त होते हैं (नपुंसएहितो वि उववज्जति) नपुंसकों से भी उत्पन्न होते हैं।
(अहे सत्तमा पुढविनेरइया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति ?) उववज्जति) यहि सध्यात नी मायुवाणामाथी उत्पन्न याय छे (कि पज्जत्तए हि तो उववज्जति, अपज्जत्तएहि तो उववज्जति) शु पर्यायी उत्पन्न थाय छ अगर अपर्यायी उत्पन्न थाय छे ? (गोयमा ! पज्जत्तएहिंतो उववज्जति, नो अपज्जत्तएहिंतो उखवज्जंति) 3 गौतम ! पर्याप्तीथी त्पन्न थाय छ, १५ર્યાસથી નથી ઉત્પનન થતા
(जइ पज्जत्तासंखेजवासाउयकम्मभूमिएहि तो उववजंति) यह पर्यास, सण्यात वर्षनी मायुवाणा ४ भूभिन्नथी उत्पन्न थाय छे ? (किं इथिए हिंतो उबवजाति ?) शुखायामाथी Burन याय छ ? (पुरिसेहिंतो उववज्जत्ति ।) पु३पोथी Grver याय छे ? (नपुंसएहि तो उववज्जति) नसाथी त्पन्न थाय छ ? (गोयमा । इत्थीहि तो उबवज्जंति) 3 गौतम | स्त्रीयाथी उत्पन्न थाय छ (पुरिसेहि तो उपवज्जति) ५३पोथी लत्पन्न थाय छे (नपुंसए
हि तो वि उववज्जति) नसाथी पर उत्पन्न थाय छे - (यहे सत्तमापुढवि नेरइयाणं भंते ! कओहिं तो उववज्जंति ?) अधःससभी