Book Title: Pragnapanasutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 1134
________________ ११०० प्रज्ञापनासूत्र हिंतो उववज्जति' आन्तदेवा गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुप्पेभ्य उपपद्यन्ते, नो संमूच्छिममनुप्येभ्य उएपद्यन्ते, गौतमः पृच्छति-'जइ गमवक्कंतिय मणुस्सेहितो उपवनंति' यदा-गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्येभ्य आनतदेवा उपपद्यन्ते तदा-'कि कम्मभूमिगेहितो अकरमभूमिगेहितो, अंतरदीवगेहिंतो उववनंति ?' किं कर्मभूमिगेभ्यो गर्भव्युन्क्रान्तिक मनुष्येभ्य उपपद्यन्ते, किं वा अर्मभूमिगेभ्यो गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्येभ्य उपपश्यन्ते ? किं वा अन्तीपगेभ्यो गभव्युत्क्रान्तिकमनुष्येभ्यः आनतदेवा उपपद्यन्ते ? नगवान आह-'गोयमा !' हे गौतम ! 'नो अकम्मभूमिगेहितो, णो अतरदीवगेहितो उववज्जति'-नो अकर्मभूमिगेभ्य आनत दवा उपपद्यन्ते, नो वा अन्तरद्वीपगेभ्य उपपद्यन्ते, किन्तु 'कम्मभूमिगगम्भवक्कंतिय मणुस्सेहितो उवबज्जति' कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुप्येभ्य आनत देवा उपपद्यन्ते, गौतमः पृच्छति-'जइ कम्मभूमगगभवतिय मणसे हितो उववज्जति' यदा-कर्मभूमिगग व्यु-क्रान्तिक मनुष्येभ्य आनतदेवा उपपद्यन्ते, तदा 'किं संखेज्जयासाउए हितो, असखे नवासाउएहिता उववज्जति ?' किं संख्येमनुष्यों से नहीं उत्पन्न होते। गौतम-हे भगवन् ! आनत देव यदि गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं तो कर्मभूमिजो से उत्पन्न होते हैं अकर्मभूमिजों से उत्पन्न होते हैं अथवा अन्तरद्वीपजों से उत्पन्न होते हैं ? ___भगवान्-हे गौतम ! अकर्मभूमिजों से उत्पन्न नहीं होते, अन्तर द्वीपज मनुष्यों से भी उत्पन्न नहीं होते, किन्तु कर्मभूमिज गर्भज मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं। ____ गौतम-हे भगवन् ! यदि आनत देव कर्मभूमिज गर्भज मनुष्यों से ही उत्पन्न होते है तो क्या संख्यात वर्ष की आयु वाले मनुष्यों મનુથી ઉત્પન્ન નથી થતા - શ્રી ગૌતમ સ્વામી–ભગવન આનદેવ યદિ ગર્ભજ મનુષ્યોથી ઉત્પન્ન થાય છે તો કર્મભૂમિથી ઉત્પન્ન થાય છે, અકર્મભૂમિથી ઉત્પન્ન થાય છે, અથવા અન્તરદ્વીપથી ઉત્પન્ન થાય છે ? શ્રી ભગવાન્ -ગૌતમ ! અકર્મભૂમિથી ઉત્પન્ન નથી થતા અન્તરદ્વિીપજ મનુષ્યોથી પણ ઉત્પન્ન નથી થતા, પણ કર્મભૂમિજ ગર્ભજ મનુષ્યથી पन्न थाय छे. શ્રી ગૌતમ સ્વામી -ભગવદ્ ! યદિ આનદેવ કર્મ ભૂમિ ગર્ભજ મનુથી ઉત્પન્ન થાય છે તે શું સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા મનુ

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