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प्रमेयबोधिनी टीका पद ६ सू.१० असुरकुमाराद्युपपातनिरूपणम् धन्ते, एवं येभ्यो नैरयिकाणामुपयात स्तेभ्यः असुरकुमाराणामपि भणितव्यः, नवरम्-असंख्येयवर्षायुष्काकर्मभूमिगान्त द्वीपगमनुष्यास्तिर्यग्योनिकेभ्योपि उपपद्यन्ते, शेपं तच्चैव, एवं यावत् स्तनितकुमाराः भणितव्याः, पृथिवीकायिकाः खलु भदन्त ! केभ्य उपपद्यन्ते, किं नैरयिकभ्यो यावद् देवेश्य उपपद्यन्ते ! गौतम ! लो नैरयिकेभ्य उपपद्यन्ते, तिर्यग्योनिकेभ्यः मनुष्येभ्यो देवेभ्योऽपि होते। (तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति) तिर्यचों से उत्पन्न होते हैं। (मणुस्सेहितो उत्वज्जंति) मनुष्यों ले आकर उत्पन्न होते हैं । (नो देवेहितो उपवज्जति) देवों से नहीं उत्पन्न होते (एवं) इस प्रकार (जेहितो) जिनसे (नेरझ्याणं) नारकों का (उववाओ) उपपात (भणियो) कहा (ते हिंतो) उनसे (असुरकुमाराण वि) असुरकुमारों का भी (भाणियव्यो) कहना चाहिए (नवरं) विशेष यह है कि (असंखेजवासाउय अकम्मभूमिग-अन्तरदीवग-मणुस्सतिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जंति) असंख्यातवर्ष की आयु वाले, अकर्मभूमिज, अन्तरछीपज मनुष्यों और तिथंचों से भी उत्पन्न होते हैं (लेसं तं चेव) शेष वही समझना (एवं जाव थणियकुमारा भाणियवा) इसी प्रकार यावत् स्तनितकुमारों तक कहना चाहिए। ___ (पुढविकाइया णं भंते ! कओहितो उववज्जति ?) हे भगवन् ! पृथ्वीकायिक कहां से आकर के उत्पन्न होते हैं ? (किं नेरइएहितो जाव देवेहिंतो उवयज्जंति ?) क्या नारकों से यावत् देवों से उत्पन्न होते हैं ? (गोयमा ! नो नेरइएहितो ज्ववज्जति) हे गौतम ! नारकों से आकर योथी उत्पन्न थाय छे (मणुस्सेहितो उववज्जति) मनुष्याथी मावीन पन थाय छ (नो देवेहिंतो उववजति) वाथी सापान नथी पनि थता (एवं) मे शत (जेहितो) रेमनाथी (नेरइयाणं) नाना (उववाओ) S५पात हो (तेहिंतो) तमनाथी (असुरकुमाराणं वि) असुरशुभारोतापात (भाणियब्वो) ४ (नवर) विशेष से छे , (असंखेज्जवासाउयअकम्मभूमिग-अन्तरदीवग-मणुस्सतिरिक्खजोणिएहितो वि उववर्जति) मसच्यात व नी मायुवाणा, म४म भूमिका, सन्तर दीप
मनुष्यो मने तिय याथी ५५ अत्पन्न थाय छे (सेमं तं चेत्र) शेष तेश सभा (एवं जाव थणियकुमारा भाणियव्वा) मे ४ारे यावत् स्तनितभा। સુધી કહેવા જોઈએ,
(पुढविकाइयाणं भने ! कओहिंतो उववज्जंति ) 3 भगवन् । पृथ्वी ४ायि: यांथी मावीन उत्पन्न थाय छे ? (किं नेरइएहिंतो जाव देवेहिंतो उबवज्जति १) शु. नाथी भावान यावत् वाथी मावान ५ ? (गोयमा ! नो नेग्इरहितो उपवजंति) गौतम नाथी सत्पन्न नयी यता ? (तिरिक्खजोणिएहितो) तिय याथी