Book Title: Matsyapradesh ki Hindi Sahitya ko Den
Author(s): Motilal Gupt
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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अध्याय ४ - भक्तिकाव्य
मत्स्य की भक्ति के रूप
१२१, धार्मिक सम्प्रदाय हनुमाननाटक १२६ बलदेव कवि : विचित्र दानलीला १३३, नागलीला
१२१ - १६८ १२२, भक्ति के चारों रूप - रामकरुण नाटक - १२७, रामायण १२६, कृष्ण
१२४, रामकाव्य - १२६, अहिरावणवधकथा - १२७, काव्य - १३३, १३४, अलीबख्श : कृष्णलीलाएं १३५, वीरभद्र : बृजविलास - १३६, रसनायक : विरहविलास - १३८, रसरासि : रसरासिपच्चीसी १४१, रामनारायण : राधामंगल नाथ महादेवजी को व्याहुलौ - १४७, रसानंद: गंगाभूतल श्रागमन कथा - रामप्रसाद : गंगाभक्ततरंगावली १५१, उमादत्त : कालिकाष्टक १५३, उदयराम : गिरवरविलास १५४, ध्रुवविनोद पच्चीसी १५६, चरणदासी साहित्य - १६०, बाई - १६२, दया बाई १६३; संतसाहित्य - मत्स्य की भक्ति और यहां के साहित्य की विशेष बातें
१४३, सोम१५०,
१५८ जुगलकवि : करुणाभक्तिसागर १६०, सहजो १६५, गुलाम मुहम्मद - १६७, १६७ ।
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श्रध्याय ५ नीति, युद्ध, इतिहास-संबंधी तथा श्रन्य १६६ - २२५ विविध साहित्य - १६६, युद्धसंबंधी - १७०, कथासाहित्य - १७१, इतिहास १७१, अकबर कृत राजनीति १७२, देवीदास : राजनीति १७२, हरिनाथ : विनयविलास १७४, अकलनामा १७५, वीरकाव्य - १७७, जाचीक जीवन : प्रतापरासो १७८, सूदन : सुजानचरित्र - १८३. खुसाल कवि : विजयसंग्राम १८८ दत्त : यमनविध्वंसप्रकास १६१; स्फुट छंद - १९४, कथासाहित्य १६८ अखेराम : सिंहासन बत्तीसी - १६८, विक्रमविलास २०१, गंगेस : विक्रम विलास - २०३, वैद्यनाथ : विक्रमचरित्रपंचदण्डकथा - २०३, सोमनाथ : सुजान विलास २०५, रामलाल : विवाहविनोद - २०६, गणेश कवि : विवाहविनोद २०७, इतिहाससंबंधी पुस्तकें - २१०, उदयराम : सुजानसंवत - २११, दान : अलवर राज्य का इतिहास
शिवबख्श - २१४, शिकारसाहित्य - २१८. सोभनाथ : २२२, इतिहाससंबंधी साहित्य की विशेषताएं -
सभाविनोद - २२०, लाल ख्याल
२२४ ।
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अध्याय ७ - अनुवाद-ग्रन्थ
अनुवादक्षेत्र में कार्य - २४६, कलानिधि : युद्धकाण्ड
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अध्याय ६ - गद्य-ग्रन्थ
श्रीधरानंद : साहित्यसारसंग्रह
गद्य प्रयोग के स्थल - २२६, कुछ निष्कर्ष २२८, कलानिधि उपनिषत्सार २२६, हितोपदेश - २२६, गोविंदानंदघन - २३०, चितामरिण - २३१, विनयसिंह : भाषा भूषरण टीका २३३, फितरत : पोथी सिंहासन बत्तीसी - २३७, अकलनामा २३६, वैरागसागर - २४१, हुक्मनामे, परवानें आदि २४२, इनमें पाई जाने वाली कुछ विशेष बातें - २४४ ॥
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२४८,
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२२६ -
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• २४५
२४६ - २६२
भाषा कर्णपर्व -
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