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लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन बादर एकेन्द्रिय- पर्याप्त बादर अग्निकायिक जीव सजातीय जीवों में सबसे अल्प हैं। इससे प्रत्येक वनस्पतिकाय के जीव असंख्य गुणा अधिक हैं। इससे बादर निगोद, पृथ्वीकायिक, अप्कायिक
और वायुकायिक जीव अनुक्रम से असंख्य गुणा अधिक हैं। वायुकायिक जीवों से अनन्त गुणा अधिक बादर वनस्पतिकायिक एवं इनसे सामान्य बादर पर्याप्त वनस्पतिकायिक जीव अधिक हैं। प्रत्येक बादर पर्याप्त की निश्रा में असंख्य बादर पर्याप्त होते हैं अतः स्व स्वजातीय पर्याप्त जीव की अपेक्षा उनके अपर्याप्त असंख्य गुणा अधिक होते हैं।"
दिशाओं की अपेक्षा से सबसे कम पृथ्वीकायिक जीव दक्षिण दिशा में हैं और उत्तर, पूर्व एवं पश्चिम दिशा में अनुक्रम से विशेषाधिक हैं।" पृथ्वीकायिक जीव ठोस या सघन स्थान में अधिक होते हैं एवं छिद्र वाले स्थान में कमा दक्षिण दिशा में भवनपतियों के भवन और नारकावास होने के कारण रंध्रों की बहुलता है, अतः पृथ्वीकायिक जीव दक्षिण दिशा में अल्प हैं। अप्कायिक जीव पश्चिम दिशा में सबसे कम होते हैं क्योंकि पश्चिम दिशा में गौतम द्वीप होने के कारण वहाँ जल कम है। इसकी अपेक्षा पूर्व, दक्षिण एवं उत्तर दिशा में अनुक्रम से अप्कायिक जीव अधिकाधिक हैं। इसकी अपेक्षा दिशा की अपेक्षा से अग्निकायिक जीव दक्षिण और उत्तर दिशा में सबसे कम हैं क्योंकि दक्षिण में पाँच भरत क्षेत्र और उत्तर में पाँच ऐरवत क्षेत्रों में क्षेत्र की अल्पता होने से वहाँ मनुष्य कम रहते हैं तथा मनुष्य क्षेत्र में ही बादर अग्निकायिक जीवों का अस्तित्व होता है, अन्यत्र नहीं।" अतः ये जीव दक्षिण और उत्तर दिशा में कम और पूर्व एवं पश्चिम में संख्यात गुणा अधिक हैं। पूर्व दिशा में सघनता अधिक होने से वहाँ वायु का संचार नहीं होता अतएव दिशापेक्षा वायुकायिक जीव सबसे कम पूर्व दिशा में एवं पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशा में अनुक्रम से अधिकाधिक होते जाते हैं। वनस्पतिकायिक जीव सर्वत्र जल के आश्रित होते हैं अतः इन जीवों का अल्पबहुत्व अप्कायिक जीवों के ही समान होता है। विकलेन्द्रिय- सजातीय अपेक्षा से पर्याप्त चतुरिन्द्रिय, द्वीन्द्रिय और त्रीन्द्रिय जीव अनुक्रम से अधिकाधिक हैं। इनसे असंख्यात गुणा अधिक अपर्याप्त चतुरिन्द्रिय एवं त्रीन्द्रिय जीव होते हैं और अपर्याप्त द्वीन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं।"
___विकलेन्द्रिय जीवों की उत्पत्ति अप्काय में अधिक होती है। अतः इनका दिशा दृष्टि से अल्पबहुत्व अप्कायिक जीवों के अनुसार पश्चिम दिशा में सबसे कम और पूर्व, दक्षिण एवं उत्तर दिशाओं में अधिकाधिक होते हैं। पश्चिम दिशा में गौतम द्वीप होने से वहाँ जल का अभाव है। फलतः विकलेन्द्रिय जीवों की वहाँ अल्पता है।"