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लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन हूहूकांग, हूहूक, उत्पलांग, उत्पल, पद्मांग, पद्म, नलिनांग, नलिन, अर्थ निपूरांग, अर्थनिपुर,
आयुतांग, अयुत, नयुतांग, नयुत प्रयुतांग, प्रयुत-चूलिकांग, चूलिका, शीर्षप्रहेलिकांग और शीर्षप्रहेलिका ये गणितीय संख्याएँ पूर्ण होती हैं।"
काल के मापक शब्द १. सर्व से सूक्ष्म समय। २. असंख्य समय की एक आवलिका ३. संख्यात आवलिका का एक उच्छ्वास और एक निःश्वास। ४. एक उच्छ्वास और एक निःश्वास दोनों का मिलकर एक प्राण। ५. सात प्राण का एक स्तोका ६. सात स्तोक का एक लव। ७. ७७ लव का एक मुहूर्त अथवा दो घड़ी होती है। ८. तीस मुहूर्त का एक दिन-रात। ६. पन्द्रह दिन-रात का एक पक्षा १०. दो पक्ष का एक मास। ११. दो मास की एक ऋतु। १२. तीन ऋतु का एक अयन। १३. दो अयन का एक वर्ष। १४. पांच वर्ष का एक युगा १५. बीस युग में एक सौ वर्ष पूर्ण होते हैं। १६. दस सौ वर्ष का एक हजार वर्ष। १७. सौ हजार वर्ष का एक लाख वर्ष। १८. चौरासी लाख वर्ष में एक पूर्वांग। १६. ८४ लाख पूर्वांग में एक पूर्व। इसमें अंक चार और बिन्दु १० है
७०५६००००००००००। २०. ८४ लाख पूर्व में एक त्रुटितांग होता है। त्रुटितांग में ५६२७०४ अंक छह और बिन्दु १५
होते हैं। २१. ८४ लाख त्रुटितांग से एक त्रुटित होता है। त्रुटित में ४६७८७१३६ अंक आठ और बिन्दु