________________
254
लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन १३.छठी नरक भूमि के नारकों की अपेक्षा सहसार कल्प के देव असंख्यात गुणा हैं। छठी पृथ्वी
के नारकों का परिमाण हेतुभूत श्रेणी का असंख्यातवाँ भाग है जबकि सहस्रार कल्प के देवों
का परिमाण ही हेतुभूत श्रेणी के असंख्यातवें भाग का असंख्यातगुणित है। . ... १४. सहस्रार कल्प के देवों की अपेक्षा महाशुक्रकल्प में देव असंख्यातगुणा अधिक हैं, क्योंकि
सहनारकल्प में छह हजार विमान हैं जबकि महाशुक्रकल्प में चालीस हजार विमान हैं अतः
देव भी स्वतः अधिक होंगे। १५. महाशुक्रकल्प के देवों की अपेक्षा पाँचवीं धूमप्रभा पृथ्वी के नारक असंख्यात गुणा हैं क्योंकि
वे बृहत्तम श्रेणि के असंख्यातवें भाग में रहे हुए आकाश प्रदेशों के बराबर हैं, अतएव __ असंख्यातगुणा हैं। १६.उनकी अपेक्षा लान्तक कल्प में देव असंख्यात गुणा हैं, क्योंकि वे अति बृहत्तम श्रेणी के
असंख्यातवें भाग में स्थित आकाशप्रदेशों की राशि के बराबर हैं। १७.लांतक कल्प के देवों से चौथी पंकप्रभा पृथ्वी के नारक असंख्यात गुणा हैं। १८.इन नारकियों की अपेक्षा ब्रह्मलोक में देव असंख्यात गुणा अधिक हैं। १६.ब्रह्मलोक के देवों से असंख्यात गुणा अधिक तीसरी बालुकाप्रभा नामक पृथ्वी के नारक हैं। २०.इनकी अपेक्षा माहेन्द्र नामक कल्प के देव असंख्यातगुणा अधिक हैं। २१. माहेन्द्रकल्प की अपेक्षा सनत्कुमार कल्प में देव असंख्यात गुणा अधिक हैं। २२.सनत्कुमार कल्प के देवों की अपेक्षा दूसरी शर्कराप्रभा नामक पृथ्वी के नारक असंख्यातगुणा
२३.उनकी अपेक्षा सम्मूर्छिम मनुष्य असंख्यात गुणा हैं। अंगुल मात्र क्षेत्र के प्रदेशों की राशि के
द्वितीय वर्गमूल से गुणित तीसरे वर्गमूल में जितने प्रदेश होते हैं, उतने प्रमाण वाले जितने
खण्ड एक प्रादेशिक श्रेणी में होते हैं उतनी ही संख्या सम्मूर्छिम मनुष्यों की है। २४.सम्मूर्छिम मनुष्यों की अपेक्षा ईशान कल्प में देव असंख्यात गुणा अधिक हैं। अंगुल मात्र
क्षेत्र के प्रदेशों की राशि के तृतीय वर्गमूल से गुणित द्वितीय वर्गमूल में जितने आकाश प्रदेशों की राशि होती है, उतने प्रमाण वाली घनीकृत लोक की एक प्रादेशिक श्रेणियों में रहे हुए आकाश प्रदेशों के बराबर ईशान कल्प के देव हैं। यह संख्या ईशानकल्प के देवों और देवियों दोनों की है। २५.ईशानकल्प के देवों की अपेक्षा देवियां संख्यातगुणी अधिक होती हैं। २६.सौधर्मकल्प में देव ईशानकल्प की देवियों की अपेक्षा संख्यातगुणा अधिक होते हैं। क्योंकि