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लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन
ग्रैवेयक देव- १. पहला ग्रैवेयक देव २. दूसरा ग्रैवेयक देव ३. तीसरा ग्रैवेयक देव ४. चौथा ग्रैवेयक देव ५. पांचवां ग्रैवेयक देव ६. छठा ग्रैवेयक देव ७. सातवां ग्रैवेयक देव ८. आठवां ग्रैवेयक देव ६. नवां ग्रैवेयक देव | चार अनुत्तर विमान के देव | सर्वार्थसिद्ध देव
| २२ सागरोपम २३ सागरोपम २४ सागरोपम २५ सागरोपम २६ सागरोपम २७ सागरोपम २८ सागरोपम २६ सागरोपम ३० सागरोपम ३१ सागरोपम अजघन्य अनुत्कृष्ट
२३ सागरोपम २४ सागरोपम २५ सागरोपम २६ सागरोपम २७ सागरोपम २८ सागरोपम २६ सागरोपम ३० सागरोपम ३१ सागरोपम ३३ सागरोपम | ३३ सागरोपम
क्र.
१ पृथ्वीकाय
| अप्काय
| तेजस्काय ५४ | वायुकाय
वनस्पतिकाय
पांच स्थावर जीवों की स्थिति स्थावर नाम
जघन्य स्थिति | अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त | अन्तर्मुहूर्त
उत्कृष्ट स्थिति २२ हजार वर्ष ७ हजार वर्ष ३ अहोरात्रि ३ हजार वर्ष १० हजार वर्ष
क्र.
___ विकलेन्द्रिय, असन्नी एवं सन्नी तिर्यच पंचेन्द्रिय जीवों की स्थिति जीव नाम
जघन्य स्थिति
उत्कृष्ट स्थिति द्वीन्द्रिय
| अन्तर्मुहूर्त १२ वर्ष त्रीन्द्रिय
अन्तर्मुहूर्त ४६ अहोरात्रि | चतुरिन्द्रिय
अन्तर्मुहूर्त छह माह (१) असन्नी जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त १ करोड पूर्व (२) असन्नी स्थलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त ५४ हजार वर्ष (३) असन्नी खेचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त | ७२ हजार वर्ष
असन्नी उरपरिसर्प तिर्यच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त ५३ हजार वर्ष (५) असन्नी भुजपरिसर्प तिर्यंच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त ४२ हजार वर्ष (६) सन्नी जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त | एक करोड़ (७) सन्नी स्थलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय अन्तर्मुहूर्त तीन पल्योपम