Book Title: Lexicographical Studies In Jaina Sanskrit
Author(s): B J Sandesara, J P Thaker
Publisher: Oriental Institute

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Page 128
________________ 122 कुर्कुट कुविन्द कुसणाती कुसीद कुहाडीया Vकू Vकूण कूपक प्रेषितम् । उद्धाट्य विलोकिते क्षारगन्धेन निरोधं ज्ञात्वा कुम्पको भग्नः। 93. 24-26. Vide कुतप, कूप, कूपक, कूपिका; also vide PC. m. a cock. 85.8; 91.14; 95.5; 105.22. Vide PK. m. a weaver. 77.22. Videv किन्दल्. adj. preparing, mixing by gradually rubbing the ingredients together. पखाउजसत्कं भोजनं कुसणाती निविण्णा न | अधुना खिन्ना 1 79.13. cf. Desi कुसण; Guj. कसणq. n. usury. 130.14. m. pl. men with axe. 59.29. cf. Guj. कुहाडो, कुहाडी — an axe', whence कुहाडियो. Vide कुदालीया. . to cry aloud. मुख्यपूजिकोदरे उदरवाढिर्जाता। सा कोकूयते । 40.20; वत्सस्तु मृतः। धेनुः कोकूयते, अश्रणि मुञ्चति। 107.26. n. treachery. 135-5. cf. Pkt., Guj. कूड. to contract, to make (a) wry ( face). स्नानं कुर्वता पण्डितेन मुखं कूणितम्। 17.11; स मुखमेव कूणयति 17.12. cf. Pkt. कूण. m. an oil-vessel. अन्यदा घृतकूपं मस्तके कृत्वा धनुरादाय मेघान्धकारयामिनी विभातप्रायां मत्वा रामशेनोपरि चचाल। 32.8-9. Vide कूपक, कूपिका, कुतप. m. same as कूप. इतश्च वाराणस्यां प्रतोलीद्वारे चतसृषु वंशानां भारिका पञ्च शतानि प्रापक्षिष्यन्ते (प्रक्षिप्यन्ते ?) सन्ध्यायां यदि चूर्ण न क्षिप्यते तदा कूपकाः पतन्ति । 89.5-6%; रसे जाते रसं गृहीत्वा राजसदसि समागतः। तत्रागतेन रसकूपको भग्नः । 97.I-2. Vide कुतप, कुम्पक, कूपिका; also vide PK. f. a small oil-vessel. 30.17; 32.8. cf. Guj. (तेलनी) कुप्पी. Vide कुतप, कुम्पक, कूप, कूपक. m. boiled rice. क्षीरतन्दुलमयः कूरः 17.24; तत्र कूरकरम्बो दना कृतः, शाके लिम्बुकं च भोजनीयम् । 49.26-27; कूरकरम्बं भोजितः 50.16. Vide PK. f. a title of Minister Vastupāla of Dhavalakka (mod. Dholakā); lit. : 'Sarasvati with beard ', i.e., in male form. 54.35-36; 55:3. Vide PK. m. either the elbow or the knee. अम्बडेन कूर्पराहता मञ्चकाहिः पपात । मृता । 40. 13. ( causal) to cause to be done. काराप्य 16. 3; कारापितम् 31.33; काराप्यम् 53. 22; कारापिता IOI. 23. Vide PK. ___n. a mystical diagram. एकदा हेमाचार्याः छत्रशिलायां निविष्टास्तेजो ददृशुः । विलोकयतां समीपे समागतं तत् । मध्यगतपुरुषभेट: । कृष्णचित्रकार्पणं लोभवृद्धिहेतु. रिति निस्पृहैनिषिद्धः। 37. 28-29. Vide चित्रकवली; also vide PC. कृष्णचित्रककुण्डलिका and चित्रकसिद्धि. कूपिका कूर कूर्चालसरस्वती कूर्पर Vव कृष्णचित्रक

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