Book Title: Lexicographical Studies In Jaina Sanskrit
Author(s): B J Sandesara, J P Thaker
Publisher: Oriental Institute

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Page 139
________________ चतुष्पथ चतुष्पद चत्वरक चन्द्र बलिद्दभट्ट चपेटा V चम्प् चरटक चरड चरणयोः (नि + ) / पत् चरणयोः V लग् चरित्र चाचर n. a market-place. 3. 8-9; चतुरशीतिश्चतुष्पथानि 24.18; एकदा चतुः पथान्तरे एकामजां दीनार ५ जग्राह । 33.17; स इत्थं चतुःपथानतिक्रम्य प्रतोलीद्वारे गतः 46.8 ; तेन पुरान्तश्चतुष्पथे गच्छता भक्त्या श्रीवीतरागो नमस्कृतः । 73. 30-31 ; 78.16 ; एकश्चतुष्पथे घोटकं त्वरयन् दृष्टः । 113.18 ; चतुष्पथे लोकैः सह कलहं कृत्वाऽऽगतः । II5. 22-23; चतुष्पथे तत्र डालं दत्त्वा यो य आयाति तस्य तस्याग्रे वदति - अत्र राज्ञो गजशाला भविता; अत्र पुनः पट्टहस्तिन आलास्तम्भो भावी । एवं भणतस्तस्य व्यवहारिभिरुक्तम् - इह मा कृथाः, अस्मद्गृहाणि पातयिष्यन्ति । इति च्छद्म कृत्वा द्रव्यं गृहीतम् । II5. 24-26. Vide चतुष्पद; also vide PC., PK. n. m. m. m. 133 कर्णावती सङ्घप्रार्थनया कर्णावतीं गताः । चतुर्मासकं स्थिताः । 27.4; श्रीहेमप्रभसूरयो धवलकापुरे चतुर्मासकं स्थिताः । 53.30; श्री जिनप्रभसूरयः कृतचतुर्मासकाः सन्ति । 103.33. Vide PC., PK. N. of an associate of Pṛthvīrāja Cauhāņa, the great king of Delhi and Ajmer who was defeated by Shahabuddin Ghori,-more popularly known as चंदबरदाई. 88.23; चन्दबलिद्दिक 86.16. [Here ms. P. has quoted two Apabhramsa verses as recited by Candabalidda. These verses are found in the Pṛthvirajarāso, which shows that though some portions of the Raso may be comparatively late, it has a nucleus which is not later than at least the fifteenth century.] a slap. f. 48.3. to press. तदा पादाङ्गुष्ठश्वम्पितः । 7.13 Vide PK. a thief. 60.15. Vide चरड; also vide PC. चरट. same as चरटक. 12.24. Vide PC. चरट. to fall at the feet of मन्त्रिचरणयोः पतित्वा 61.24; चरणयोनिपत्याह 81. 15 - 16 ; चरणयोर्निपत्य Int. 15.22. Vide चरणयोः V लग्, पादयोः पत्, पादयो: वि + √ लग्. to fall at the feet of गुरूणां चरणयोर्लगित्वा 44.31 ; 115.15 ; Int. 30.4. Vide चरणयोः ( नि + ) √ पत्, पादयो: V पत्, पादयोः वि + V लग्. m. same as चतुष्पथ. एकदा चतुष्पदे विसाधनहेतौ प्रहितः । इतो हट्टान् दीयमानान् दृष्ट्वा पृष्टम् । तैरुक्तम् —सूरयः समायाताः । सम्मुखैर्गम्यते । 44-15-16. n. a quadrangle. चतुष्पथ - चत्वरके न्यायघण्टा बन्धापिता । 22.23. cf. Guj. चोतरो Vide चच्चर; also vide PC. चत्वर. observance of religious practices and vows. न वीतरागादपरोऽस्ति देवो न ब्रह्मचर्यादपरं [ चरित्रम् ] 104.24 [A Jaina technical term.] Vide चारित्र, चारित्रिन्. m. N. of a Pkt. metre ; also a शम्बलं नास्ति किञ्चित् । चाचरं क्षिपत। type of song-same as चच्चर. 78.8-9. Vide चच्चर, चाचरीयाक.

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