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गाथा - ४९, ५०, ५१
७८
७८
गाथा - ५२ गाथा - ५३, ५४
गाथा - ५५, ५६ गाथा - ५७,५८, ५९
ज्ञानावरण, दर्शनावरण, अन्तराय कर्म के अनुभागसंक्रम की सादि-अनादि प्ररूपणा मोहनीय कर्म के अनुभागसंक्रम की सादि-अनादि प्ररूपणा आयुकर्म के अनुभागसंक्रम की सादि-अनादि प्ररूपणा वेदनीय, नाम, गोत्र कर्म के अनुभागसंक्रम की सादिअनादि प्ररूपणा. उत्तर प्रकृतियों के अनुभागसंक्रम की सादि-अनादि प्ररूपणा उत्कृष्ट अनुभागसंक्रम का काल अशुभ प्रकृतियों के उत्कृष्ट अनुभागसंक्रम के स्वामी शुभ प्रकृतियों के उत्कृष्ट अनुभागसंक्रम के स्वामी जघन्य अनुभागसंक्रम के स्वामित्व का सामान्य नियम अन्तरकरण करने के पश्चात् घाति प्रकृतियों के जघन्य अनुभागसंक्रम का स्वामित्व आयुकर्म की प्रकृतियों के जघन्य अनुभागसंक्रम का स्वामित्व उद्वलन प्रकृतियों के जघन्य अनुभागसंक्रम का स्वामित्व पूर्वोक्त से शेष प्रकृतियों के जघन्य अनुभागसंक्रम का स्वामित्व प्रदेशसक्रम का लक्षण प्रदेशसंक्रम के भेद उद्वलनासंक्रम योग्य प्रकृतियां उद्वलनासंक्रम की अनन्तरोनिपनिधा प्ररूपणा उद्वलनासंक्रम की परंपरोपनिधा प्ररूपणा प्रथम स्थितिखंडों के उत्कीर्ण करने की विधि चरम स्थितिखंड की उत्कीरणाविधि सर्वसंक्रम का लक्षण
गाथा - ६०
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