Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1911 Book 07
Author(s): Mohanlal Dalichand Desai
Publisher: Jain Shwetambar Conference
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જૈન કોન્ફરન્સ હેરલ્ડ.
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के शिष्यके हाथसे बड़े धूमधाम से हुई. सेठ पूरन शाह, धन्नालालजी इत्यादि दिगम्बर भाईयों ने बड़ी सहायता की यहां तक की सेठ पूरनशाहजी ने आरती की और धन्नालालजीने आपने हाथ से पंचतीर्थी स्थापन की.
प्रतिष्ठा के समय वालघाट, कढंगी, वारसिवनी, जबलपुर, खाया, नर सिंहपूर, बैतूल, छिंदवाडा, राजनादगांव, दमोह इत्यादि स्थानो से भाई और बहने आई थी और प्रतिष्ठा में बड़ा योग अन्य ग्रामियों के लिये किया वह सह सराहशीय है.
मिति वैशाख वदी १३ से मिती वैसाष सुदी ४ तक नित्य स्वामीवत्सल्य होते और प्रायः प्रति दिन महाराज श्री नेमीचंदजी के मनोरंजक और विद्वता पूर्ण व्याख्यान होते थे जिस से कि एकचित लोगों के मनको बडा आनंद होता था. विशेष हर्ष की बात यह है कि इस मोके पर ओसवाल हितकारणी सभा मध्यप्रेदश के लिये स्थापित हुई और उसकी कार्य कारणी कमेटीभी नियत करदी गई. रायबहादुर सेठ लखमीचंदजी बौथरा कढंगी इस सभाके प्रधान नियत किये गये और बाबू मानिकलाल जी कोचर वकील नरसिंहपुर सेक्रेटरी.
इस सभाका उद्देशे ओसवालोंमें जो कुरीतियां है उनशे सुधारना, विद्याका प्रचार करना और निराश्रित व अनाथ ओसवालीको सहायता पहुचाने है.
___ इस उद्देशको पूर्ण करनेके लिये फन्ड जारी कर दिया गया है और कायदे बनाने के लिये भी एक कमेटी निम्म लिखत महाशयोंकी स् पन करदी गई है ( १ ) बाबू मानिकलालजी कोचर वकील नरसिंहपुर (२) श्रीयुत सेठ धनराजजी डागा (३) श्रीयुत सेठ लखमीचंदजी भूरा सिवनी..
और एक विशेष आनंदकी वात यह है कि सिवनी में एकचित संघने यह ठहराव किया कि — कन्याविक्रय' बन्द किया जावे. इस प्रस्तावपर एकचित लोगोंके दस्तखत हो चुके हैं. और मध्यप्रदेशके जिलों में इस काररवाई क कमेटी की औरस पत्र लिखे जारहे हैं. नरसिंहपूर जिले की कमेटी गाडरवारामें असाढ सुदीमें होवेगी.
___आशा है कि अन्य जिलोंवाले भी अपनी २ सभा करके इस दुष्ट रिवाज को बंद कर देंगे.