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(५) संताणा--करोलिया के जाले संकमणे--खूदने में, कुचलने में, मसलने में जे मे जीवा विराहिया--जो मैंने जीवों की विराधना
__की हो, उनको तकलीफ दी हो एगिंदिया--एक ही इन्द्रियवाले जीव-पृथ्वी, जल, अग्नि,
वायु और वनस्पति आदि बेइंदिया--दो इन्द्रियवाले जीव-शंख, पूरा, अलसिया,
लारिया आदि तेइंदिया--तीन इन्द्रियवाले जीव-कीड़ी, कुंथुआ, मकोड़ा
जं, लीख आदि चरिंदिया--चार इन्द्रियवाले जीव-मक्खी, बिच्छु,
भमरा, भमरी आदि पंचिंदिया--पांच इन्द्रियवाले जीव-मनुष्य, पशु, पक्षी,
सांप, मच्छ, मछली आदि अभिहया--एकेन्द्रियादि जीवों को सामने आते हुए
मारे हों वत्तिया--धूल आदि से ढांके हो लेसिया--आपस आपस में या जमीन से मसले हों संघाइया--एक दूसरे को इकट्ठे और छू कर दुःख दिया हो संघट्टिया--संघट्टा किया या डराये हों
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