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( १७ )
सत्ताणवइसहस्सा -- सत्यानवे (९७) हजार, लक्खा छपन्न अट्ठकोडिओ - छपन्न लाख, आठ क्रोड बत्तीसय बासीआई -- बत्तीससो ब्यासी
तिलोए चेइए वंदे -- तीन लोक में स्थित जिनमन्दिरों को मैं वन्दन करता हूँ ॥ ४ ॥
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पनरसकोडिसयाइं -- पन्द्रहसो कोड ( १५ अर्ब ) कोडी बायाल लक्खअडवन्ना- बयालीस क्रोड, अठा
वन लाख
छतीस सहस असीइं - छत्तीस हजार और अस्सी इतने सासयबिंबाई पणमामि -- शाश्वता जिनेश्वरों की प्रतिमाओं को वन्दन करता हूँ ॥ ५ ॥ १२. जं किंचि सुतं ।
जं किंचि नाम तित्थं - जो कोई नामरूप जैन तीर्थ सग्गे पायालि माणुसे लोए - - ऊर्ध्वलोक में. अधोलोक में और मनुष्यलोक ( तीच्छ लोक ) में प्रसिद्ध हैं
२
जाई जिणबिंबाई- उनमें जितने जिनेश्वर बिम्ब हैं ताई सच्चाई वंदामि-- उन सब को मैं वन्दन करता हूँ अर्थात् उन सभी जिनबिम्बों को मेरा नमस्कार है।
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