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भक्तामर यंत्र
॥२॥
२
स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम्
बॅंक बॅंक बैंक नेक बैंक बैंक बैंक बैंक बैंक बैंक बैंक बैंक
सकलार्थसिद्धीणं श्रीँ श्रीँ श्रीँ
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यः संस्तुतः सकलवाङ्मयतत्त्व बोधा
बॅंक बॅंक बॅंक बॅंक बॅंक बॅंक बॅंक बॅंक बैंक बैंक बैंक बैंक
णमो
ह्रीँ अ श्रीँ श्रीँ श्रीँ श्रीँ
Bhaktamara Yantra - 2
श्रीँ श्रीँ श्रीँ
ओहिजिणाणं
كلا كلا كلا كلا
特特特特特特特特特特特特
क्रैं
ऋद्धि-ॐ ह्रीँ अहं णमो ओहिजिणाणं । मंत्र-ॐ ह्रीँ श्रीँ क्लीँ ब्लूँ नमः ।
प्रभाव - सारे रोग, शत्रु शान्त होते हैं तथा सिरदर्द दूर होता है ।
Curing of diseases, especially headache and overcoming of enemies.
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दुद्भूतबुद्धिपटुभिः सुरलोकनाथैः ।
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