Book Title: Amar Kosh
Author(s): Bramhanand Tripathi
Publisher: Chaukhamba Surbharti Prakashan

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमरकोषः सद्गुणाः, सन्ति, किमर्थं सेव्यतामिति जिज्ञासयाऽऽह-श्रियै धमार्थकामानामुपलव्ध्यर्थ, तथा अमृताय मोक्षप्राप्त्यर्थञ्च (सेव्यतामिति)। स भगवाञ्छिवः चतुर्वर्गप्रदातेति शास्त्रसम्मतः ।। अथ क्रमप्राप्तं बुद्धमतानुयायिव्याख्यानम्-हे धीरा: ! धैर्यादिगुणगणसम्पन्नाः पुमांस!, ज्ञानदयासिन्धोः ज्ञानस्य दयायाश्च सिन्धुः समुद्रः, तस्य, अगाधस्य न गाघस्तलस्पर्शा यस्य तस्य, लोकवृत्तालोकनरतिगभीरस्येतिभावः, अनघाः सर्वजनपावनसमर्थाः, शीलसौजन्यादिगुणाः सन्ति, सः सुगताभिधो बुद्धः, श्रिये कल्यागाय , अमृताय मुक्तये च भवद्भिः भवन्मतानुयायिभिः सर्वैः सेव्यताम् ॥ १ ॥ हिन्दी-विद्वज्जनों! जो अलौकिकशक्ति सम्पन्न, अनन्तमहिमावान्, ज्ञान और दया का समुद्र है, जिसके पवित्र क्षमा.शान्ति आदि अनेक सद्गुण सर्वविदित हैं, इसे उस अविनाशी भगवान् शिव की ऐहलाकिक और पारलौकिक सुखों की प्राप्ति के लिए सबको आसना करनी चाहिए। बुद्ध पक्ष में-धीरता आदि गुणसम्पन्न पुरुषों ! ज्ञान और दया के समुद्र अत्यन्त गम्भीर विचारवान् सकललोकपावन समर्थ गुणों से परिपूर्ण उस भगवान् बुद्ध की कल्याण और मोक्ष प्राप्ति के लिए सबको उपासना करनी चाहिए ॥१॥ वक्तव्य-यद्यपि 'अमरसिंह' बुद्ध मतानुयायी थे, ऐसी प्रसिद्धि है, किन्तु उक्त मङ्गलाचरण के लिए प्रयुक्त पद्य से शिव सम्बन्धी अर्थ भी अभिव्यक्त होता है, अतः उस अर्थ का भी यहाँ उल्लेख कर दिया गया है। परिभाषाप्रकरणम् समाहृत्यान्यतन्त्राणि सङ्क्षिप्तः प्रतिसंस्कृतैः । सम्पूर्णमुच्यते वर्गमिलिङ्गानुशानम् ॥ २॥ व्याख्या-पद्येऽस्मिन् अभिधेयप्रयोजनं प्रदर्शयति-समाहृत्येति । अन्यतन्त्राणि अन्येषां व्याडिप्रभृतीनां तन्त्राणि नामलिङ्गानुशासनानि, नामानि च लिङ्गानि व तानि, अनुशिष्यन्ते बोध्यन्ते अनेन तानि, समाहृत्य एकीकृत्य सङ्ग्रह्येत्यर्थः, सङ्गितः परिमितशब्दैः, प्रतिसंस्कृतः यथायथं विनियोजितः, वर्गः प्रकरणः, समन्वित म्, अत एव सम्पूर्णम् अखिलं, मया अमरसिंहेन, उच्यते कथ्यते सर्वेषा. अपकारायेति, शेषः ॥ २॥ हिन्दी-इस. पद्य द्वारा ग्रन्थकार ने ग्रन्थ निर्माण का प्रयोजन बतलाया है । ज्याडि आदि कोषकारों के कोष-ग्रन्थों को एकत्रित करके उनका सक्षेपण For Private and Personal Use Only

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