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[वंशस्थ ]
( १ ) अनूप भू भारतवर्ष धन्य है, धरित्रि कोई इस-सी न अन्य है इसी मही-मध्य अनादि-काल से समस्त तीर्थंकर जन्म ले रहे।
( २ ) प्रसिद्ध नि श्रेयस-प्राप्ति के लिए यही महापावन पुण्य देश है। यही सदा कर्म-विनाश-कार्य के लिए तपस्वी सुर भी पधारते ।
हिमाद्रि-विन्ध्याचल-मध्य भूमि मे हुआ समुत्पन्न न जो न धन्य सो। सुना गया देश पुराण काल से प्रसिद्धि-सवेष्टित' धर्म-क्षेत्र है।
'जीवन-मुक्त अथवा ईश्वर, भवसागर-तारक । मुक्ति । 'गस्त अथवा लिपटा हमा।