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मो.मा. प्रकाश
fon100foodacrocodoo186004800-4360CReckroacrookGEO-AECHOOTECORPORootagoodcroorgaroofotoost
एक प्रकार तो यह है जो सर्व न्यारे न्यारे हैं तिनिके समुदायकों कल्पनाकरि ताका किछ | नाम धरिए । जैसें घोटक हस्ती इत्यादि भिन्न मिन्न हैं तिनिकै समुदायका नाम सेना है। तिनितें जुदा कोई सेना वस्तु नाहीं। सो इस प्रकार सर्वपदार्थनिका नाम ब्रह्म है तो ब्रह्म । कोई जुदा वस्तु तौ न ठहरया । बहुरि एक प्रकार यह है जो व्यक्ति अपेक्षा तौ न्यारे न्यारे | हैं तिनकों जाति अपेक्षा कल्पनाकरि एक कहिए है। जैसें सौ घोटक (घोड़ा) हैं ते व्यक्तिअपेक्षा तौ जुदे जुदे सौ ही हैं तिनिके आकारादिककी समानता देखि कल्पनाकरि एक जाति कहैं सो वह जाति तिनते जुदी तो कोई है नाहीं। सो इस प्रकारकरि जो सबनिकी कोई एक जाति अपेक्षा एक ब्रह्म मानिए है तो ब्रह्म जुदा सौ कोई न ठहरया। इहां भी कल्पनामात्र ही ठहरया। बहुरि ऐक प्रकार यह है जो पदार्थ न्यारे न्यारे हैं तिमिके मिलापते एक स्कन्ध । होय ताकौं एक कहिए । जैसें जलके परमाणु न्यारे न्यारे हैं तिनका मिलाप भए समुद्रादि कहिए अथवा जैसे पृथिवीके परमाणुनिका मिलाप भए घट आदि कहिए । सो यहां समुद्रादि । वा घटादिक हैं ते तिन परमाणनितै भिन्न कोई जुदा तो वस्तु नाहीं । सो इस प्रकारकरि जो सर्व पदार्थ न्यारे न्यारे हैं परन्तु कदाचित् मिलि एक हो जाय हैं सो ब्रह्म है, ऐसे मानिए तौ ।। इनितें जुदा तो कोई ब्रह्म न ठहरया। बहुरि एक प्रकार यह है कि अंग तो न्यारे न्यारे हैं अर जाके अंग है सो अंगी एक है। जैसे नेत्र हस्त पादादिक भिन्न भिन्न हैं अर जाकें ए हैं सो
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